‘भाजपा नेताओं के इशारे पर खनन माफिया को बचा रही पुलिस, निशाने पर आदिवासियों के हमदर्द’

आदिवासी की हत्या मामले में पुलिस कार्रवाई से खफा संगठनों ने भाजपा नेताओं की मिलीभगत का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि भाजपा नेताओं के इशारे पर आदिवासी समुदाय के साथ खड़े संगठनों व दलों के नेताओं को फर्जी मुकदमों में फंसाने की कोशिश हो रही है।
फर्जी मुकदमे दर्ज कर उत्पीडऩ से नाराज संगठनों ने आज जिलाधिकारी को ऑनलाइन ज्ञापन भेजा। पूर्व मंत्री विजय सिंह गोंड, समाजसेवी अजय शेखर, स्वराज अभियान नेता दिनकर कपूर, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष श्याम बिहारी यादव, राहुल प्रियंका कांग्रेस सेना के प्रदेश महामंत्री राजेश द्विवेदी, राष्ट्रीय लोकदल जिलाध्यक्ष संतोष पटेल, सीपीएम जिला सचिव नंदलाल आर्या, सीपीआई जिला सचिव आरके शर्मा, सपा के पूर्व जिला महासचिव जुबेर आलम, मजदूर किसान मंच नेता कृपाशंकर पनिका, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के नेता कांता कोल, पूर्वाचंल नव निर्माण सेना के अध्यक्ष श्रीकांत त्रिपाठी की ओर से भेज गए ज्ञापन की उत्तरप्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह, डीजीपी, अपर डीजी पुलिस वाराणसी, कमिश्नर व आईजी मिर्जापुर और एसपी सोनभद्र को भी भेजी गई है।
ज्ञापन में कहा गया कि बालू खनन माफिया, भाजपा नेता और पुलिस प्रशासन के गठबंधन की मिलीभगत से हुई पकरी निवासी मृतक रामसुंदर गोंड की हत्या के बाद प्रधान, मृतक के नाबालिग बच्चों समेत ग्रामीणों को फर्जी मुकदमे में फंसाकर उत्पीडऩ करने से भाजपा की किरकिरी हो रही है। इस मामले में आदिवासियों को जागरुक करने वाले भाजपा को अखर रहे हैं, इसलिए वे जागरुक करने वालों को ही फंसाने के प्रयास कर रहे हैं।
भाजपा के राज्यसभा सांसद रामशकल द्वारा दिए बयान ने इस कोशिश को सामने ला दिया है। जिसमें उन्होंने कहा कि विरोधी दल किसी न किसी मुद्दे को लेकर सरकार की छवि धूमिल करने का प्रयास करते रहते हैं, ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।
जबकि हकीकत ये है कि इससे पहले भी उभ्भा कांड में तत्कालीन डीएम से मिलकर समस्या बताने वाले लोगों पर ही पुलिस ने गुंडा एक्ट लगा दिया थ। जिसके बाद भाजपा सरकार व प्रशासन को अपनी गलती स्वीकार कर पुलिसकर्मियों व प्रशासनिक अधिकारियों को निलंबित कर मुकदमा लगाने को मजबूर होना पड़ा।
रामसुंदर गोंड मामले में यह भी संज्ञान में आया है कि डीएम व एसपी को ज्ञापन देकर घर लौटे मृतक के पुत्र लाल बहादुर गोंड को एसओ विडमगंज ने रात में थाने में बुलाकर बुरी तरह धमकाया और केस वापस लेने को कहा।
डीएम से मांग की गई कि सीओ दुद्धी को तत्काल हटाने के साथ ही एस विडमगंज पर सख्त कार्रवाई की जाए। कहा, जनपद के आदिवासियों, दलितों व समाज के कमजोर तबकों पर आए दिन हमले, हत्या, फर्जी मुकदमों में जेल भेजने से कानून व्यवस्था बिगड़ रही है। सभी मामलों की जांच कराने के साथ ही शांति व्यवस्था कायम की जाए।
(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)