मारुति प्रबंधन ने वर्करों को छुट्टी देने से किया इनकार, हज़ारों वर्कर काम करने पर मज़बूर
कोरोना वायरस संक्रमण के विस्फ़ोट तक पहुंच गए भारत में अभी भी फ़ैक्ट्रियों में असेंबली लाइन प्रोडक्शन जारी है।
गुड़गांव और मानेसर में मारुति प्लांट में हज़ारों मज़दूर सामान्य दिनों की तरह काम कर रहे हैं और प्रबंधन ने इस महामारी के दौरान भी छुट्टी देने से मना कर दिया।
इसी तरह मारुति के वेंडर कंपनियों में भी मज़दूरों से ज़बरदस्ती काम लिया जा रहा है और उन्हें एहतियात बरतने के लिए न तो मास्क दिए जा रहे हैं और ना ही दस्ताने।
मारुति की वेंडर कंपनी बेलसोनिका के एक मज़दूर ने बताया कि हरियाणा में धारा 144 लागू होने के बावजूद कंपनी में वर्करों से काम लिया जा रहा है और सिर्फ सैनेटाइज़र का प्रबंध किया गया है।
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर सान के साथ मारुति कामगार यूनियन मुकु कार्यकारिणी की मीटिंग में प्लांट को बंद करने पर बातचीत हुई।
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सूचना के मुताबिक, “सान ने कहा कि जब तक भारत सरकार व हरियाणा सरकार की तरफ से विश्व स्वास्थ्य संगठन की जो भी गाईड हमारी कंपनी को जारी होगा, कंपनी उन आदेशों का पालन करेगी।”
कार्यकारिणी के एक सदस्य ने वर्कर्स यूनिटी को फ़ोन पर बताया कि सान ने फिलहाल वर्करों को छुट्टियां देने से इनकार कर दिया।
सान ने कहा, “भगवान ना करे कोई भी मामला अगर हमारी कंपनी में आया और कोई वर्कर कोरोना पॉजिटिव पाया गया या कोई भी हमारी वेन्डर कंपनी में किसी भी प्रकार की दिक्कत की वजह से कम्पोंनेट सम्बन्धी दिक्कत आती है तो उसी दौरान ही छुट्टी का प्रावधान है, अन्यथा नहीं।”
इसके साथ उन्होंने बताया कि सभी प्लांट में एंट्री गेट पर वर्करों की जांच की जाएगी और शरीर का तापमान जांचा जाएगा तभी वर्कर को कंपनी में प्रवेश दिया जाएगा।
“इसके साथ ही किसी भी अन्य सहयोगी कंपनियों व किसी भी प्रकार के विजीटर का कंपनी परिसर में पूरी जाँच पड़ताल के बाद ही प्रवेश वर्जित होगा।”
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ये नहीं बताया गया कि जिस वर्कर को कोरोना के लक्षण हों, फ्लू हो या ज़ुख़ाम हो तो वो जो छुट्टी लेगा वो पेड लीव होगी या नहीं।
एमडी ने कहा कि ‘हमारी कंपनी में कोई भी कर्मचारी साथी किसी भी बीमारी की अवस्था में ड्यूटी ना आयें। इसका विशेष ध्यान रखा जाए।’
एहतियात के तौर पर एमडी ने प्रधानमंत्री के उपदेश को ही वर्करों से दुहराया और कहा कि मोदी ने 19 मार्च को जो संदेश दिया और कोविड-19 से बचाव के जो उपाय बताए उसका पालन किया जाना चाहिए।
बताया जाता है कि ये मीटिंग डेढ़ घंटे तक चली लेकिन नतीजा सिफर रहा। आखिरकार यूनियन ने एक वक्तव्य जारी कर कंपनी के निर्णय से सहमति ज़ाहिर की।
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