लॉकडाउन के शुरुआती 4 हफ्तों में दिल्ली छोड़ गए 8 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर
कोरोना महामारी की दूसरी लहर को रोकने के लिए देश की राजधानी दिल्ली में लगाए गए लॉकडाउन में शुरुआती चार हफ्तों में ही आठ लाख प्रवासी मजदूर अपने घरों की तरफ रवाना हो चुके हैं।
दिल्ली परिवहन निगम द्वारा साझा की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, 19 अप्रैल – 14 मई के बीच 8,07,032 प्रवासी मजदूर दिल्ली से बसों से अपने गृह राज्य वापस चले गए। इनमें से करीब आधे प्रवासी मजदूर 3,79,604 पहले हफ्ते में ही रवाना हो गए थे।
पहले हफ्ते की तुलना में दूसरे दूसरे हफ्ते घर जाने वाले मजदूरों की संख्या में कमी देखी गई जिसमें 2,12,448 प्रवासी मजदूर वापस गए तो वहीं तीसरे हफ्ते 1,22,490 और चौथे हफ्ते में 92,490 प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्यों की तरफ रवाना हुए।
द वायर की एक खबर के अनुसार, ”रिपोर्ट में बताया गया कि करीब आठ लाख प्रवासियों को बिना परेशानी के उन्हें घरों तक पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सहित पड़ोसी राज्यों के परिवहन अधिकारियों के साथ समय रहते समन्वय किया।’
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि लॉकडाउन के पहले चार हफ्ते के दौरान बसों ने 21,879 अंतरराज्यीय फेरे लगाए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले 19 अप्रैल को लॉकडाउन लगाया था जिसे कई पांच दफा बढ़ाते हुए 31 मई तक कर दिया गया है।
इसमें बताया गया कि वर्तमान लॉकडाउन में प्रवासियों ने ‘रेलगाड़ी से यात्रा’ को तरजीह दी क्योंकि इस वर्ष लॉकडाउन के दौरान रेलगाड़ियों का संचालन चालू था।
गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने जब 19 अप्रैल की रात से 26 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन की घोषणा की थी। जिसके बाद पिछले साल की ही तरह प्रवासी मजदूर अपने घरों की तरफ वापस जाने लगे थे।
बता दें कि बीते मार्च में श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा में बताया था कि पिछले साल के लॉकडाउन के दौरान कुल 1,14,30,968 प्रवासी कामगार अपने घरों की तरफ लौट गए थे। उनमें से अधिकतर मजदूर अपने मूल या अन्य कार्यस्थलों पर वापस चले गए हैं।
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