रोज़गार जाने से मनरेगा में काम मांगने वालों की संख्या दो गुना बढ़ी
कोरोना की दूसरी लहर के चलते महात्मा गांधी नेषनल रूरल एम्प्लाॅय गारंटी स्कीम यानी मनरेगा में अप्रैल 2021 में लगभग दो करोड़ परिवारों ने काम मांगा। यह डिमांड पिछले साल इसी महीने के मुकाबले 80 फीसद ज्यादा है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, यह जानकारी इस योजना कीे वेबसाइट पर डाली गई है। हालांकि बीते महीने का यह आंकड़ा प्रारंभिक है और बाद में इस संख्या के और बढ़ने की उम्मीद है।
मनरेगा में बीते महीने के अंतिम सप्ताह का मस्टर रोल डाटा अगले महीने के पहले 15 दिनों में तैयार किया जाता है।
नौ मई को जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2021 में 1.99 करोड़ से ज्यादा परिवारों को योजना में काम मिला, जबकि पिछले साल इसी महीने में योजना में 1.10 करोड़ परिवारों को काम मिला था।
यह आंकड़ा कोविड से पहले के साल से भी ज्यादा है जब अप्रैल 2019 में 1.70 करोड़ परिवारों को योजना में काम मिला था।
जिन चार राज्यों में इस महीने मनरेगा से काम पाने वालों की तादाद सबसे ज्यादा बढ़ी, उनमें असम में 3100 फीसद, तमिलनाडु में 901 में फीसद, पंजाब में 737 फीसद और झारखंड में 439 फीसद, शामिल हैं।
इसके अलावा 14 अन्य राज्यों हिमाचल प्रदेश, केरल, मध्य प्रदेष, सिक्किम, कर्नाटक, राजस्थान, ओडिषा, महारास्ट्र, बिहार, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, त्रिपुरा, मिजोरमऔर जम्मू-कश्मीर में यह मांग तीन से लेकर 349 फीसद तक बढ़ी।
आंकड़े दिखाते हैं कि 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कम लोगों ने इस दौरान योजना में काम मांगा। ये राज्य हैं- तेलंगाना, हरियाणा, छत्तीसगढ़, मेघालय, उत्तर प्रदेश, अंडमान-निकोबार, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, लददाख, गोवा, पश्चिम बंगाल, नगालैंड और पुड्डुचेरी।
उत्तर प्रदेश और प. बंगाल में काम कम मांगने के पीछे वजह हाल ही में इन राज्यों में चुनाव होना हो सकती है। हालांकि 15 मई तक आंकड़े संशोधित होने पर इन राज्यों में काम मांगने वालों की तादाद बढ़ भी सकती है।
इस साल अप्रैल में मनरेगा में तीस करोड़ रोजगार दिवस उपलब्ध कराए गए जो पिछले साल अप्रैल के 14.16 करोड़ रोजगार दिवस से 113 फीसद ज्यादा है। आंकड़े अपडेट होने पर यह संख्या भी बढ़ सकती है।
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