मज़दूरों के एक हमदर्द डॉक्टर की कहानी जो चला रहे जन स्वास्थ्य अभियान

मज़दूरों के एक हमदर्द डॉक्टर की कहानी जो चला रहे जन स्वास्थ्य अभियान

By मो. उमर

एक वक्त था जब आईआईटी कानपुर का कर्मचारी संगठन सिर्फ अपने अधिकारों की लड़ाई नहीं लड़ता था, बल्कि तमाम प्रवासी मजदूरों, ठेकेदारों के अधीन काम कर रहे श्रमिकों और शहर की कपड़ा मिलों के मजदूरों के हक और इन्साफ के लिए भी अपनी आवाजें बुलंद करता था।

इसी दौर में एक युवा डाक्टर का नाम इन सभी कर्मचारियों, मिल मजदूरों और प्रवासी श्रमिकों के बीच बहुत लोकप्रिय था।

ये डाक्टर इन सभी मज़दूरों और इनके परिवारों में होने वाली छोटी-मोटी बीमारियों के लिए चिकित्सीय सलाह और दवाइयां उनके घरों में जाकर मुफ्त दिया करते थे।

इस युवा डाक्टर के पिता एपी शुक्ला आईआईटी कानपुर में भौतिकी विषय के प्रोफ़ेसर थे।

अपने विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग की शिक्षा देने के साथ ही वे संस्थान के कर्मचारियों और श्रमिकों के अधिकारों के प्रति भी बहुत संवेदनशील थे।

वे भी मजदूरों के संघर्ष में उनका साथ देते थे। शाम के समय उनके लिए एक पुस्तकालय चलाते थे।

यहाँ पर तमाम मजदूरों को लिखना-पढ़ना सिखाने और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक और संगठित करने का काम भी होता था।

आईआईटी कैम्पस और उसके आस-पास के कई गाँव में इन डाक्टर का नाम आज भी बहुत सम्मान से लिया जाता है।

इस डाक्टर का नाम था अभय शुक्ला। कैम्पस के लोगों के लिए अभय भैया। आगे चलकर अभय शुक्ला ने आम जनता के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों को लेकर एक व्यापक आन्दोलन चलाया।

इस आन्दोलन का नाम है -जन स्वास्थ्य अभियान। इस मुहिम में उनके जैसे और भी कई संवेदलशील डाक्टर और कार्यकर्ता जुड़़ते गए।

पिछले कई बरसों से अभय शुक्ल पुणे और आस-पास के कई जिलों में आम गरीब जनता के स्वास्थ्य संबंधी अधिकारों के लिए काम कर रहे हैं।

उनका मानना है की बेहतर स्वस्थ्य सुविधायें पाना हर नागरिक का बुनियादी अधिकार होना चाहिए।

सरकारी अस्पतालों की बदहाली, निजी अस्पतालों की लूट, बीमा कंपनियों और निजी अस्पतालों की मिलीभगत, आम नागरिकों के स्वास्थ्य के प्रति सरकारों की लापरवाही, स्वस्थ्य जैसे गंभीर मुद्दे पर जनता की जागरूकता जैसे कई महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर वे लगातार लिखते रहे हैं।

आज जब हमारा देश कोरोना वाइरस के खिलाफ संघर्षरत है, ऐसे में देश के स्वास्थय सम्बन्धी बुनियादी ज़रूरतों का महत्त्व भी हम बेहतर ढंग से समझ पा रहे हैं।

ऐसे में सभी को अभय शुक्ल और उनके जैसे तमाम डाक्टरों की बात ध्यान से सुनना चाहिए। हमारी सरकारों को इन महत्त्वपूर्ण बातों पर अमल भी करना चाहिए।

डॉ. अभय शुक्ला को आप यहां सुन सकते हैं।

(डॉ. अभय शुक्ला ने एम्स, दिल्ली से कम्युनिटी मेडिसिन में पढ़ाई की और जन स्वास्थ्य अभियान शुरू किया।)

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Workers Unity Team