कोरोना से रेलवे के 2000 कर्मचारियों की मौत, रेलवे निजीकरण के ख़िलाफ़ देश भर में प्रदर्शन
By पुनीत सेन
मंगलवार को इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फ़ेडरेशन के रेलवे कर्मचारियों ने देश भर के रेलवे स्टेशन, वर्कशॉप, उत्पादन इकाइयों के सामने काली पट्टी बांधकर, प्लेकार्ड, झंडे बैनर के साथ विरोध प्रदर्शन किया।
इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन व आरसीएफ़ इम्प्लाइज यूनियन, कपूरथला, पंजाब के महासचिव कॉमरेड सर्वजीत सिंह ने कहा कि रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का सबसे पहले टिकट बिंड़ो पर मिलने वाले बुकिंग क्लर्क, टिकट जांच कर्मियों से लेकर ट्रेनों और स्टेशनों की व्यवस्था संभालने वाले स्टेशन मैनेजर, ट्रैकमैन, ड्राइवर/गॉर्ड, गैंगमैन, नए डिब्बों व इंजनों के निर्माण व रखरखाव में लगे लगभग 2000 हज़ार से भी अधिक रेल कर्मचारी अब तक अपनी जान गंवा चुके हैं।
मार्च 2020 में लाकडाउन के बाद जब पूरा देश थम गया था, तब भी रेलवे कर्मचारी ही दिन-रात अपनी जान जोखिम में डालकर ऑक्सीजन, दवाएं, जरूरी खाद्य सामग्री एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाते रहे।
कर्मचारियों की मांगें
- सरकार द्वारा सभी रेल कर्मचारियों को कोरोना योद्धा घोषित किया जाय
- सभी रेल कर्मचारियों का 50 लाख रुपये का बीमा किया जाय
- मार्च 2020 के बाद मृतक रेल कर्मचारियों के परिवारों को 50 लाख रुपये एक्स – ग्रेसिया का भुगतान किया जाय
- NPS को तुरंत रद्द कर पुरानी पेंशन योजना बहाल करके PFRDA के पास जमा राशि कर्मचारी को वापिस किया जाय
- महंगाई भत्ते की बकाया सभी किस्तें जारी किया जाय
- रात्री ड्यूटी भत्ते पर 43,600 रु . की लिमिट हटाया जाय
- भारतीय रेलवे का निजीकरण बंद किया जाय
- तीनों कृषि कानून और 4 श्रमिक कोड बिल वापस लिया जाय
रेलवे कर्मचारियों ने कहा कि छह महीनों से दिल्ली के बॉर्डर पर तीन कृषि विरोधी कानूनों को रद्द करवाने व MSP पर कानून बनाने के लिए संघर्षरत किसानों द्वारा 26 मई 2021 को लोकतंत्र का काला दिवस का समस्त रेल कर्मचारियों की तरफ़ से समर्थन करते हुए रेलवे में भी ब्लैक डे मनाया जायेगा।
इलाहाबाद मे ऐक्टू राष्ट्रीय सचिव डॉ कमल उसरी ने विरोध प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कई बार अपने भाषणों में रेल कर्मचारियों को कोरोना योद्धा कहा है लेकिन फ़ेडरेशन ने रेल मंत्रालय को पत्र लिखकर सचमुच में रेल कर्मचारियों को कोरोना वॉरीयर्स घोषित करते हुए सुविधाएं देने की मांग की गई तो सरकार ने कुछ नहीं किया।
उन्होंने कहा कि रेल कर्मचारी रात दिन कोरोना वैरीयर्स के रूप में काम रहे है, लेकिन अभी तक सभी रेल कर्मचारियों और उनके परिवार को कोविड वैक्सीन की पहली डोज तक नही मिल पाई है, रेलवे की अस्पताल को राज्य सरकारों के हवाले कर दिया गया है, रेलवे कर्मचारी दर दर की ठोकरें खा रहे हैं।
उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज जोन में नार्थ सेंट्रल रेलवे वर्कर्स यूनियन, केंद्रीय महामंत्री मनोज पांडेय, ऐक्टू राष्ट्रीय सचिव डॉ कमल उसरी, संजय तिवारी, सैयद इरफात अली, आगरा में राहुल चौरसिया, झांसी में एस पी एस यादव, पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर में पूर्व मध्य रेलवे इम्प्लाइज यूनियन केंद्रीय अध्यक्ष कॉम संतोष पासवान, धनबाद मंडल में केंद्रीय महासचिव मृतुन्जय कुमार, बी आर सिंह, एस पी शाहू, दानापुर, पटना में कॉ जितेंद कुमार, आर सी एफ़, राय बरेली मे हरिकेश मडुआडीह डीज़ल लोकोमोटिव वर्कस वाराणसी, राजेन्द्र पाल, आर सी एफ कपूरथला में फ्रंट अगेंस्ट एन पी एस इन रेलवे राष्ट्रीय संयोजक कॉ अमरीक सिंह, एम सी एफ़ पटियाला, पंजाब में जुमेरदीन, उत्तर रेलवे इम्प्लाइज यूनियन केंद्रीय अध्यक्ष उत्तर पूर्व रेलवे में, गोरखपुर में उत्तर पूर्व रेलवे वर्कर्स यूनियन, पश्चिम मध्य रेलवे, जबलपुर, मध्यप्रदेश, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर, छत्तीसगढ़, सी एल डब्ल्यू, चितरंजन, पूर्व रेलवे, हाबड़ा पश्चिम बंगाल, दक्षिण पूर्व रेलवे, हाबड़ा, भुवनेश्वर, उड़ीसा, ईस्ट कोस्ट रेलवे इम्प्लाइज यूनियन, पी के महापात्रा कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन मुम्बई प्रशांत, मध्य रेलवे मुंबई, अखिलेश कुमार, दक्षिण रेलवे पी सुनील कुमार उत्तर पश्चिम रेलवे, जयपुर, राजस्थान मे नार्थ रेलवे इम्प्लाइज यूनियन के उम्मीद सिंह चौहान, बी एल बैरवा ने नेतृत्व किया, साथ ही देश भर में अन्य सैकड़ों जगह विरोध प्रदर्शन किया गया।
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