एक अप्रैल से नये लेबर कोड के लागू होते ही कम हो जायेगी आपकी सैलरी- लेबर कोड पार्ट-1

एक अप्रैल से नये लेबर कोड के लागू होते ही कम हो जायेगी आपकी सैलरी- लेबर कोड पार्ट-1

केंद्र सरकार द्वारा लाये गये नये लेबर कोड एक अप्रैल से पूरे देश में लागू होने जा रहे हैं।

नये कानून के तहत 4 लेबर कोड्स में वेतन-मज़दूरी से जुड़ा कोड, औद्योगिक संबंधों पर कोड, कार्य स्थल पर सुरक्षा से जुड़ा कोड, स्वास्थय एंव कार्यस्थल की दशाओं से जुड़ा कोड और सामाजिक व  व्यावसायिक सुरक्षा से जुड़ा कोड शामिल हैं।

इन कानूनों के अधिसूचित होने के बाद देश के सभी राज्य इसे लागू करने के लिए अंतिम तैयारियों में जुट गये हैं।

नये लेबर कोड के लागू होने से सैलरी सहित कई अन्य नियम पूरी तरह से बदल जायेंगे।

इस लेबर कोड के लागू होते ही कंपनियों को नये वेतन नियम बनाने पड़ेंगे। इसके तहत सभी भत्ते जैसे घर का किराया,ओवरटाइम और यात्रा को CTC के 50 फीसदी पर ही रोक देना होगा। इसकी वजह से कर्मचारियों की इन हैंड सैलरी कम हो जायेगी।

हालांकि ग्रेच्युटी की रकम बढ़ जाएगी। कर्मचारी और कंपनी दोनों का ही पीएफ में हिस्सेदारी बढ़ जायेगी। किसी भी कंपनी में फिक्स्ड टर्म कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारी को उतने ही दिनों की ग्रेच्युटी दी जाएगी, जितने दिनों का उनका कॉन्ट्रैक्ट होगा।

वहीं इस कानून के लागू होने के बाद वो कर्मचारी जो किसी कंपनी में किसी खास सिजन के दौरान काम करते हैं, जैसे होली के समय किसी कंपनी में रंग बनाने का काम करते हो या जो पटाखा उद्योग में काम करते हो। वैसे सिजनल कर्मचारियों को केवल सात दिनों की ग्रेच्युटी दी जाएगी।

साथ ही नये लेबर कोड के हायर एंड फायर के तहत 300 या उससे कम कर्मचारियों वाली कंपनी को शटर डाउन करके सभी कर्मचारियों को निकालने की छूट मिल जायेगी। इसके लिए कंपनी को सरकार की अनुमति भी नहीं लेनी पड़ेगी।

मौजूदा समय में अगर कोई 100 कर्मचारियों वाली कंपनी ऐसा करती तो भी उसे इसके लिए सरकार से अनुमति लेनी होती है।

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।

Abhinav Kumar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.