कैमरे की नज़र से बिहारः दिया न दिया पर प्रचार ज़रूर किया
By रितिक जावला
“खाते में आया पैसा, मुश्किलें हो रही पार” ये नारा आप साफ़- साफ़ इस बैनर पर पढ़ सकते हैं। एक तरफ देश के प्रधानमंत्री की तस्वीर है और दूसरी तरफ “आत्मनिर्भर बिहार” की बात लिखी हुई है।
बिहार चुनाव में जगह जगह ऐसे पोस्टर देखने को मिल जाएंगे। ये पोस्टर भभुआ ज़िले के कुदार का है, जो दक्षिणी बिहार का हिस्सा है।
इस तस्वीर में दिख रहे किसान केदार यादव का कहना है, “मैं पट्टे पर ज़मीन लेकर खेती करता हूं। मेरे पास मेरी खुद की बस 2 बीघा जमीन है। नितीश कुमार की राज्य सरकार से हमें कोई मदद नहीं मिली है और रही बात मोदी सरकार की किसान सम्मान निधि योजना की तो जो भी योजना मोदी सरकार ने किसानों के लिए बनाई उनका फ़ायदा बस कुछ ही चुनिंदा गिने-चुने किसानों को ही मिल पाया है। मै भी उनमें से एक हूं लेकिन ज्यादातर किसानों को इनकी योजनाओं का लाभ नहीं मिला है। ये बड़े – बड़े नारे जो मोदी सरकार ने इन बैनरों पर चिपकाएं है वो सब हवाई बाते हैं जो मोदीजी करते हैं। बैनर पर ये नारे लिखने से जमीनी सच्चाई नहीं बदल सकती।”
दावा है कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत अब तक क्रेंद्र की मोदी सरकार ने देश के 11 करोड़ किसानों के बैंक अकाउंट में 93,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर चुकी है।
अब तक करोड़ों किसानों को सालाना मिलने वाले 6000 रुपये में से 2000 की छह किस्त जारी की चुकी है। अब सातवीं किस्त नवंबर तक आनी है। लेकिन यह झुनझुने कब तक किसानों को बहला सकते हैं?
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