पंजाब में धान के सीजन में बढ़ा मजदूरी विवाद, पांच मजदूर यूनियनों ने रखी 17 मांगें

पंजाब में धान के सीजन में बढ़ा मजदूरी विवाद, पांच मजदूर यूनियनों ने रखी 17 मांगें

पंजाब के पांच खेतिहर मजदूर यूनियनों ने सामूहिक रूप से भगवंत मान की सरकार को 17 बिंदुओं का मांगपत्र सौंपते हुए मांग की है कि धान रोपाई की प्रति एकड़ दर 6000 रुपए तय की जाए।

क्रांतिकारी पेंडु मजदूर यूनियन, मजदूर मुक्ति मोर्चा, पंजाब खेत मजदूर सभा, पेंडु मजदूर यूनियन (आजाद) और कुल हिन्द खेत मजदूर सभा ने सामूहिक रूप से आम आदमी पार्टी की सरकार को यह मांगपत्र जारी किया है।

गौरतलब है कि राज्य में कुछ जगहों पर प्रति एकड़ धान रोपाई का रेट 3500 रुपए तय किया गया था, जिसका मजदूरों ने जमकर विरोध किया था।

उनका कहना था कि या पूरे राज्य में 6000 रुपए प्रति एकड़ की दर लागू की जाए या फिर पिछले साल के दर पर 30% इजाफा किया जाए।

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17 सूत्रीय मांगपत्र

1) यूनियनों की मांग है कि धान की रोपाई के लिए मजदूरी पूरे राज्य में 6000 रुपए प्रति एकड़ तय किया जाए।

2) दिहाड़ी मजदूरी 700 रुपए तय किया जाए।

3) दलित मजदूरों के सामाजिक बहिष्कार जैसे संकल्पों का अंत होना चाहिए। जो लोग इनमें लिप्त हैं उन पर ST/SC (Prevention of Atrocities) Act के तहत कार्यवाही की जाए।

4) गांव की कुल सार्वजनिक जमीन का 33% हिस्सा Punjab Village Common Lands (Regulation) Act के तहत दलित किसान और मजदूरों को दिया जाना चाहिए। साथ ही जमीन की नीलामी अनुसूचित जाति के धर्मशाला में होनी चाहिए।

5) मशीनी रोपाई से मजदूरों के रोजगार को होने वाले नुकसान की भरपाई की जाए।

6) Land ceiling पर अमल किया जाए और अधिशेष जमीन को गांव के भूमिहीन परिवारों में बांटा जाए।

7) भूमिहीन परिवारों को घर बनाने के लिए प्लॉट और 5 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाए।

8) नजूल की जमीन को भूमिहीन मजदूरों में बांटा जाए।

9) मजदूरों का माइक्रो-फाइनैन्स कंपनियों और सरकारी/गैर-सरकारी कर्ज माफ किया जाए।

10) भूमिहीन मजदूरों को सहकारी समिति का सदस्य बना कर कम ब्याज दर पर लोन मुहैया कराया जाए और सब्सिडी की सुविधा भी दी जाए।

11) PDS पर कायदे से अमल किया जाए और सभी जरूरी सामान सब्सिडी पर महैया कराई जाए।

12) पंजाब विधानसभा में बिल पास कर लेबर कोड में लाए गए बदलावों को खारिज किया जाए।

13) NREGA के तहत पूरे परिवार को साल भर का रोजगार दिया जाए जिसमें दिहाड़ी 600 रुपए हो। काम के अभाव में बेरोजगारी भत्ता दिया जाए और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए।

14) भूमिहीन मजदूरों को रोजगार की स्थाई गारंटी दी जाए और सभी क्षेत्रों में निजीकरण रोका जाए।

15) सभी मजदूरों का बकाया बिजली बिल माफ किया जाए और बिजली के मीटर हटाए जायें।

16) वृद्ध, विधवा और विकलांग जनों की पेंशन 5000 रुपए तय किया जाए। विधवा पेंशन की पात्रता के लिए आवश्यक उम्र कम कर 55 साल की जानी चाहिए और वृद्ध पेंशन के लिए 58 साल की जानी चाहिए।

17) किसान आंदोलन के दौरान मजदूरों और कामगारों पर दर्ज सारे केस खारिज किए जाएं।

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Workers Unity Team

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