शहर से गांव पहुंचे प्रवासी मज़दूरों की बढ़ी मुश्किलें, मनरेगा में खुलेआम घोटालों के आरोप
मनरेगा में जबरजस्त तरह से घोटाला हो रहा है इस बात की जानकारी महराजगंज से एक मज़दूर ने ‘वर्कस यूनिटी’ को वीडियो भेज कर दी है।
उत्तर प्रदेश के महराजगंज के बेलभरिया गांव के एक मज़दूर ने वीडियो बनाया है जिसमें दिख रहा है कि किस तरह से पोखर खुदाई के काम में केवल मिटट् डालने का काम मनरेगा को दिया गया है।
मज़दूर का आरोप है कि ‘गांव का प्रधान 2-3 दिन काम करा कर 10 दिन के पैसे बैंक से निकाल लेता है और मज़दूरों को पूरी मज़दूरी दिए बिना ही भगा देता है।’
लॉकडाउन के चलते मज़दूर अपने गृह राज्य पहुंच रहे हैं, रोजी रोटी गंवा चुके मज़दूर मनरेगा के जरिए अपना जीवन पटरी पर लाने में जुटे हुए हैं पर अब ख़बर आ रही हैं कि मनरेगा कामों में घोटाला हो रहा है।
मज़दूरों का आरोप है कि ‘गांव में पोखर खुदाई का काम चल रहा है पर उसे जेसीबी द्वावार गांव का प्रधान खुदवा रहा है। केवल मिट्टी डालने का काम मनरेगा को दिया गया है।’
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‘गांव का प्रधान मनरेगा में अपने चहेते लोगों को काम दिलवा रहा है। गरीब मज़दूरों की यहां सुनने वाला कोई नहीं है।’
मज़दूर ने ये भी आरोप लगाया है कि ‘यदि किसी व्यक्ति के घर में दो लोगों का मनरेगा कार्ड बना हुआ है फिर भी एक ही व्यक्ति को काम मिलता है। ग्राम प्रधान कहता है एक घर के एक आदमी को ही काम मिलेगा।’
मनरेगा में घोटाले के चलते मज़दूरों में आक्रोश फैल गया है।
अचानक लॉकडाउन की घोषणा के कारण फैक्ट्रियां बंद हो गई, कारखाने बंद हो गए, करोड़ों प्रवासी मज़दूर फंस गए।
कुछ मज़दूर पहुच चुके हैं तो कुछ अभी रस्ते में ही हैं। जो मज़दूर फैक्ट्री खुलने की आस में यहां रुके हैं फैक्ट्रियां अब उन्हें भी काम से निकाल रही हैं।
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