संगरूर: किसानों और मजदूर यूनियनों ने सीएम आवास पूरी तरह से किया ब्लॉक, 9 अक्टूबर से जारी है धरना
पंजाब के संगरूर जिले में मुख्यमंत्री भगवंत मान के घर के सामने किसानों और किसान मज़दूर यूनियनों का अनिश्चितकालीन आज भी जारी है। भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) की अगुवाई में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर बीते 9 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन शुरू किया था।
किसानों की मुख्य मांग है कि बारिश और कीट के कारण फसलों को हुए नुकसना की भरपाई की जाये।
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किसानों का कहना है कि अब किसान अपना पक्का मोर्चा लगाकर बैठे हैं और वह हक लेने के बाद ही वापस लौटेंगे। उनका कहना है कि लेकिन यह संघर्ष कितने समय तक जारी रहेगा, इस संबंध में सरकार को ही सोचना होगा।
इस धरने प्रदर्शन में पूरे पंजाब से हज़ारों की संख्या में किसान, मजदूर किसान, युवा मज़दूर और महिलाएं अपनी भागीदारी दे रहीं हैं।
‘मांगे पूरी न होने तक जारी रहेगा धरना’
मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा, “हम अपनी मांगें पूरी होने तक विरोध प्रदर्शन जारी रखेंग।”
जब किसानों ने अपना धरना शुरू किया था तब भाकियू उगराहां के प्रांतीय प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां का कहना था कि पंजाब में सरकार बदलने से किसानों की दशा में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। पहले किसानों को अपने हकों की प्राप्ति के लिए धरने लगाने पटियाला व चंडीगढ़ जाना पड़ता था व अब संगरूर में दिन रात सड़कों पर गुजारनी पड़ रही है, लेकिन किसान अपने हक प्राप्त करके ही रहेंगे।
बीते शनिवार को किसानों ने पंजाब की आप सरकार के खिलाफ ललकार दिवस मनाया और दूसरे किसान संगठनों से भी साथ आने की अपील की थी।
किसानों की मुख्य मांगें
प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांग है कि बारिश और कीट के हमले के कारण फसलों को हुए नुकसान को लेकर मुआवजा दिया जाये, धान की पराली के प्रबंधन के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल की वित्तीय सहायता दी जाये।
इसके अलावा भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों को पर्याप्त मुआवजा देने और मक्का, मूंग के साथ-साथ बासमती जैसी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रदान किए जाने की भी मांग कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि उन डेयरी किसानों को मुआवजा दिया जाए जिनके पशुओं की त्वचा रोग के कारण मृत्यु हुई है। किसान प्रदूषण का गढ़ बनी शराब फैक्ट्रियां बंद करवाने और भूजल को प्रदूषण से बचाने के साथ-साथ मजबूरन पराली जलाने वाले किसानों पर सख्ती बंद करने की मांग कर रहे हैं।
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उल्लेखनीय है कि बीते सात अक्टूबर को किसान संगठनों की सरकार के साथ बैठक हुए थी। जिसमें मान सरकार ने किसानों को सभी मांगों को मान लिए था। लेकिन अभी तक किसानों की मांगों को लेकर कोई चर्चा नहीं की गयी है।
जिसके बाद किसानों ने सीएम आवास के सामने दिल्ली किसान आंदोलन जैसा पक्का मोर्चा जारी कर धरना देना शुरू कर दिया है। सड़क के दोनों तरफ ट्रैक्टर-ट्रालियों लगाकर लंगर व किसानों के आराम करने के लिए प्रबंध कर लिया गया है।
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