किसान मार्च की ये तस्वीर क्यों हो रही है सोशल मीडिया पर वायरल?
दिल्ली चलो के नारे के साथ पंजाब से चले किसान जत्थों और पुलिस के बीच दो दिनों से चल रहे चूहे बिल्ली के खेल में ऐसी कहानियां भी सामने आ रही हैं जो अति जीजीविषा की मिसाल बन गई हैं।
एक युवा प्रदर्शनकारी की तस्वीर सोशल मीडिया पर 26 नवंबर को पूरे दिन वायरल रही, जिसमें वो एक वाहन के ऊपर से छलांग लगाते हुए दिखाई दे रहा है।
असल में ये तस्वीर बुधवार की है जब पंजाब से हरियाणा में प्रवेश करते समय बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस के वरुण वाहन (पानी की तेज़ बौछार छोड़ने वाले वाहन) के कारण किसानों को आगे बढ़ने में दिक्कत पेश आ रही थी।
ये नौजवान उस समय अपनी ट्रॉली में सवार था और देखते ही देखते उसने वरुण वाहन पर छलांग दी और पानी का टैप बंद कर वापस अपनी ट्रॉली की ओर छलांग लगा दी।
वहां किसी ने ये दृश्य अपने मोबाइल में कैद कर लिया। तबसे उसकी बहादुरी के चर्चे हर जगह हैं। ये तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
इनका नाम है नवदीप सिंह। वो हरियाणा के अंबाला ज़िले के जलबेड़ा गांव के रहने वाले हैं।
जनपथ समाचार वेबसाइट के लिए रिपोर्ट कर रहे मनदीप पुनिया ने बताया कि, “नवदीप का जुड़ाव किसान यूनियन से तीन साल पहले हुआ जब ओलावृष्टि के कारण उनकी फसल का मुआवज़ा सरकार ने नहीं दिया। उस लड़ाई को लड़ते हुए वो किसान यूनियन से जुड़े।”
कृषि का़नूनों के ख़िलाफ़ 20 जुलाई को निकाले गए ट्रैक्टर मार्च उनकी सक्रिय भूमिका थी। नवदीप ने दोस्तों के साथ मिलकर करीब 500 ट्रैक्टरों का मार्च निकाला था और अम्बाला जिले को चारों ओर से घेर लिया था। इसके बाद पिपली में हुए आंदोलन में भी वह सक्रिय भूमिका में थे और उन्होंने अंबाला जिले के नौजवानों को किसान आंदोलन में जोड़ने के लिए दिन रात मेहनत की है।
किसान आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने का इन्हें खामियाज़ा भी भुगतना पड़ा है और खट्टर सरकार ने उन पर 307 के दो मुकदमे लाद दिए हैं। यही नहीं उनके पिता, भाई और चाचा को भी फर्जी मुकदमे में फंसा दिया है।
ग़ौरतलब है कि अम्बाला बार्डर पर हरियाणा पुलिस ने किसानों को दिल्ली की ओर कूच करने की इजाज़त नहीं दी थी और भारी पुलिस बल के साथ वहां बैरिकेड लगा दिए गए थे।
लेकिन किसानों ने ये बैरिकेड तोड़ दिया और अपना रास्ता खुद बनाया।
एक और तस्वीर लोगों को आकर्षित कर रही है, जिसमें एक ट्रैक्टर के सहारे लोग खेत में रास्ता बनाते दिख रहे हैं।
रणदीप सेन गुप्ता द्वारा खींची गई ये तस्वीर नवकिरन नट्ट के फ़ेसबुक पोस्ट पर शाया हुई है। ये तस्वीर खनौरी बॉर्डर की है जहां भारी बैरिकेड के कारण किसानों को पुलिस दिल्ली की ओर जाने नहीं दे रही थी।
हरियाणा के किसानों ने अपने ट्रैक्टरों से खनौरी बॉर्डर पर पंजाब के किसानों के लिए रास्ता साफ किया।
किसान अपने ट्रैक्टर ट्रॉलियो के साथ राशन भी साथ लेकर आए हैं। जहां उन्हें रोका जा रहा है वहीं सड़क पर लंगर लगा कर प्रदर्शनकारियों को खाना खिलाया जा रहा है।
ऐसी ही एक तस्वीर सिरसा के पास की है जहां किसान रात में रुके थे और वहीं सड़क पर कड़कड़ाती ठंड में लंगर लगा दिया गया।
इस तरह की अनगिनत कहानियां सामने आ रही हैं लेकिन मीडिया पूरी तरह मोदी सरकार के हाथों में है इसलिए बैरिकेड तोड़ने के सिवाय उन्हें वो महामानवीय कहानियां नहीं दिखाई दे रही हैं जो इस दौरान भारी परेशानी उठाते किसानों के बीच से छन छन कर आ रही हैं।
अभी शुक्रवार का दिन भारी गुजरने वाला है और पूरी संभावना है कि दिल्ली के चारो ओर सभी रास्तों को मोदी सरकार छावनी बना देगी और उसके बावजूद किसान दिल्ली में दाखिल होने के लिए पूरा जोर लगा देंगे।
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