गुजरात: तीन साल में औद्योगिक दुर्घटनाओं में 714 मज़दूरों की मौत
गुजरात सरकार में श्रम, कौशल विकास और रोजगार के कैबिनेट मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने बुधवार को गुजरात विधानसभा को सूचित करते हुए बताया कि पिछले तीन वर्षों में 2021 से अब तक राज्य में औद्योगिक दुर्घटनाओं में 714 मजदूरों की जान गई है.
राजपूत का बयान कांग्रेस विधायक अर्जुन मोढवाडिया द्वारा 31 जनवरी को वड़ोदरा जिले के पद्रा में एक फार्मास्युटिकल फैक्ट्री ओनेरियो लाइफकेयर प्राइवेट लिमिटेड में हुई एक औद्योगिक दुर्घटना पर जवाब मांगने के बाद आया. इस दुर्घटना में तीन मजदूरों की मौत हो गई थी और दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे.
औद्योगिक सुरक्षा और मजदूरों की सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए मोढवाडिया प्रदेश सरकार से ये प्रश्न किया कि ‘क्या सरकार कारखानों की सुरक्षा ऑडिट की योजना बना रही है? उन्होंने भी सवाल किया की कि क्या वडोदरा में हुए घातक हादसे के संबंध में कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी?’
जवाब देते हुए मंत्री राजपूत ने कहा कि ‘ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए गुजरात सरकार के निदेशक (औद्योगिक सुरक्षा) कारखानों का निरीक्षण करते हैं और यदि आवश्यक पाया जाता है, तो कारखाने के मालिक को कारण बताओ नोटिस भी दिया जाता है. यदि मालिक निर्देशों का पालन नहीं करता है तो अदालतों में मामले भी दर्ज होते हैं’.
राजपूत ने यह भी बताया कि “फैक्ट्री एक्ट के तहत अब तक सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करने पर 3,901 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं.”
गुजरात के मंत्री ने कहा कि ‘ 2021 में विभिन्न दुर्घटनाओं में 244 मजदूरों की मौत हुई थी. 2021 में (गुजरात में) 45,920 पंजीकृत कारखाने थे. 2022 में कारखानों की संख्या बढ़कर 47,762 हो गई और दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों की संख्या 238 थी. 2023 में फ़ैक्टरियाँ बढ़कर 49,246 हो गई हैं और 232 मौतें हुई हैं. लेकिन सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए चिंतित है कि ये 232 भी (दुर्घटनाओं में) न मरें और हम इसे शून्य पर कैसे ला सकते हैं’.
राजपूत ने अपनी सरकार का बचाव करते हुए कहा कि ‘गुजरात में औद्योगिक दुर्घटनाओं का अनुपात पिछले वर्षों की तुलना में कम हो गया है’.
मंत्री के इस बयान पर मोढवाडिया ने उन्हें टोकते हुए कहा कि ‘ 570 मज़दूरों की मौत के साथ देश भर में सबसे ज्यादा मौत गुजरात में हुई है. भारत में सबसे अधिक खतरनाक कारखाने हैं गुजरात में हैं ,जिनमें भरूच में 98 और वडोदरा में 89 शामिल हैं. सरकार से मेरा अनुरोध है की ऐसी दुर्घटनाओं पर तुरंत लगाम लगाई जाये’.
इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राजपूत ने कहा कि ‘सरकार बदलती तकनीक और दुर्घटनाओं की प्रकृति के अनुरूप कदम उठा रही है. वडोदरा फार्मा फैक्ट्री में हुए हादसे में तीन मजदूरों के परिजनों को फैक्ट्री की ओर से मुआवजे के तौर पर 30 लाख रुपये दिए गए हैं और उन्हें नियमानुसार राज्य सरकार से अन्य मुआवजा भी मिलेगा. फैक्ट्री को बंद करने का आदेश दे दिया गया है और विस्तृत जांच जारी है’.
( SABRANG इंडिया की खबर से साभार )
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