उत्तराखंड में वन गुर्जरों पर पुलिसिया बर्बरता के ख़िलाफ़ प्रदर्शन

उत्तराखंड में वन गुर्जरों पर पुलिसिया बर्बरता के ख़िलाफ़ प्रदर्शन

16 व 17 जून को राजाजी नेशनल पार्क के वन कर्मचारियों व पुलिस ने पहले वन गुर्जरों की झोपड़ी तोड़ी और उसके बाद उन्हें पीटकर फर्जी मुकदमे लगाकर जेल में डाल दिया गया।

न पंचायत संघर्ष मोर्चा के तरुण जोशी ने प्रेस बयान जारी कहा है कि इस दौरान नूरजहां व एक अन्य महिला बुरी तरीके से पीटा भी गया और नूरजहां के प्राइवेट पार्ट पर घूंसों से हमला भी किया गया।

इस इस घटना से आक्रोशित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों व वन गुर्जरों ने रामनगर तहसील पर प्रदर्शन किया और कार्रवाई हेतु उत्तराखंड के राज्यपाल को रामनगर एसडीएम के माध्यम से ज्ञापन भेजा है।

इसमें मांग की गई है कि नूरजहां की प्रथम सूचना रिपोर्ट पर तोड़-फोड़ करने व फर्जी मुकदमे लगाने तथा मारपीट के लिए जिम्मेदार वन कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए, गिरफ्तार महिलाओं, बुजुर्ग व नाबालिक बच्चों समेत सभी लोगों को तत्काल बिना शर्त रिहा किया जाये।

uttarakhand van gurjer hut

आंदोलन की चेतावनी

जोशी ने वन प्रशासन पर उच्चतम न्यायालय के स्टे आर्डर के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए उत्तराखंड के सभी वनाधिकार कानून 2006 के अंतर्गत प्रस्तुत दावों को तत्काल निपटाने व राजाजी नेशनल पार्क निदेशक की भूमिका की जांच किए जाने की मांग भी की है।

उन्होंने कहा कि 16 व 17 जून की घटनाओं के विरोध में पूरे उत्तराखंड की तहसील व जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन आयोजित किए गए है।

उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार द्वारा हमारी उक्त माँगों पर तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो प्रदेश की जनता को सड़कों पर उतरकर आंदोलन तेज करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

प्रदर्शन में, महिला एकता मंच की ललिता रावत, सरस्वती जोशी, गोपाल लोधियाल, किसान नेता महेश जोशी, ललित उप्रेती, समाजवादी लोक मंच के मुनीष कुमार, उपपा के प्रभात ध्यानी, मोहम्मद शफी, मोहम्मद बशीर, अशरफ अली,गामा समेत कई दर्जन लोग शामिल थे।

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Workers Unity Team