सिलंगेर के बाद सुकमा के गोंडेरास गांव में शुरू हुआ एक और प्रदर्शन, सीआरपीएफ़ कैंप का विरोध
छत्तीसगढ़ के एक छोर पर सिलगेर में साल भर से CRPF कैंप के खिलाफ और दूसरे छोर पर हसदेव अरण्य के जंगल काटने के विरोध में आदिवासी मोर्चे ओर बैठे हुए हैं, वहीं बस्तर में एक और आंदोलन तूल पकड़ रहा है।
सुकमा जिले में स्थित गोंडेरास गांव में रोड बनाने के लिए प्रशासन बिना ग्रामसभा की सहमति या मुआवजे के खेती की जमीन पे कब्जा कर रहा है और पेड़ काटे जा रहे हैं।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक पिछले एक सप्ताह से ग्रामवासी वहां विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
वर्कर्स यूनिटी को सपोर्ट करने के लिए सब्स्क्रिप्शन ज़रूर लें- यहां क्लिक करें
गोंडेरास गांव किरंदुल से 89 किमी दूर और अरनपुर कैम्प से 15 किमी अंदर है।
प्रशासन ग्राम सभा की सहमति और मुआवजा दिए बिना ही रोड बनाने के लिए जोर जबरदस्ती से खेती की जमीन पर लगे खजूर, महुआ और आम के पेड़ काट रही है।
ज्ञात हो कि सुकमा जिले के ही सिलगेर में पिछले एक साल से CRPF कैम्प का विरोध हो रहा है, जिसमें तीन आदिवासियों को गोली से मार दिया गया था।
साथ ही उत्तर छत्तीसगढ़ के हसदेव क्षेत्र में अदानी द्वारा कोयला खदान के लिए जंगल काटे जाने का विरोध हो रहा है।
(वर्कर्स यूनिटी के फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर सकते हैं। टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें। मोबाइल पर सीधे और आसानी से पढ़ने के लिए ऐप डाउनलोड करें।)