राजस्थान के बाद अब कर्नाटक में भी गिग वर्कर्स के लिए 4 लाख रुपये का बीमा कवर
राजस्थान के बाद अब कर्नाटक में भी गिग वर्कर्स के लिए 4 लाख रुपये का बीमा कवर अधिसूचित किया गया है.
राजस्थान में गिग वर्कर के लिए आये कानून के बाद देश के अलग-अलग राज्यों में भी गिग वर्कर के हक़ में कानून बनाये जा रहे हैं. कर्नाटक में गिग वर्कर के लिए एक बिमा कवर योजना की शुरुआत की गई है.
हालांकि राज्य सरकार के पास गिग वर्कर्स का डेटा नहीं है, लेकिन नीति आयोग के 2022 के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि कर्नाटक में उनकी संख्या लगभग 2.33 लाख है.
यह योजना खाद्य और किराने की डिलीवरी ऐप के साथ-साथ कूरियर प्लेटफार्मों में परमानेंट और अंशकालिक वर्कर दोनों के लिए कवरेज प्रदान करेगी.
कर्नाटक सरकार ने हाल ही में गिग वर्कर्स के लिए 4 लाख रुपये के बीमा कवर को अधिसूचित किया है, जिसकी घोषणा राज्य के बजट में की गई थी.
8 सितंबर के एक आदेश के अनुसार ‘कर्नाटक राज्य गिग वर्कर्स इंश्योरेंस स्कीम’ कर्नाटक राज्य असंगठित श्रमिक सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के माध्यम से लागू की जाएगी.
यह योजना खाद्य और किराने की डिलीवरी ऐप के साथ-साथ कूरियर प्लेटफार्मों में परमानेंट और अंशकालिक वर्कर दोनों के लिए कवरेज प्रदान करेगी. 4 लाख रुपये के बीमा कवर में जीवन बीमा के लिए 2 लाख रुपये और दुर्घटना बीमा के लिए 2 लाख रुपये शामिल हैं.
इस बिमा कवर का सारा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. हालांकि योजना के वित्तपोषण के बारे में विवरण अभी तक सामने नहीं आया है.
कर्नाटक के श्रम मंत्री संतोष लाड ने हाल ही में राज्य में अनौपचारिक और गिग श्रमिकों के कल्याण का समर्थन करने के लिए नए पंजीकृत वाहनों पर 5 प्रतिशत उपकर लगाने का प्रस्ताव भी दिया है.
इस योजना के तहत 1 लाख रुपये तक के अस्पताल के खर्चों की प्रतिपूर्ति की जाएगी. इसके तहत लाभ ड्यूटी पर और ड्यूटी से बाहर दुर्घटनाओं के मामलों में लागू होगा. लेकिन यह लाभ सिर्फ उन मज़दूरों को ही मिलेगा जो सक्रिय हैं. इसके लिए मज़दूर या फिर उनके परिवार के द्वारा दुर्घटना या मृत्यु के एक वर्ष के भीतर आवेदन जमा करना होगा.
फिलहाल राज्य सरकार के पास गिग वर्कर्स का डेटा नहीं है. लेकिन नीति आयोग के 2022 के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि कर्नाटक में उनकी संख्या लगभग 2.33 लाख है.
18 से 60 वर्ष की आयु के गिग कर्मचारी जो कर के दायरे में नहीं आते हैं और वर्तमान में पीएफ / ईएसआई का लाभ नहीं उठाते केवल वही व्यक्ति इस बिमा का लाभ लेने के लिए पात्र होगा. जिस भी व्यक्ति ने कम से कम एक वर्ष के लिए किसी भी ऑनलाइन फूड डिलीवरी या ई-कॉमर्स कंपनी के साथ गिग वर्कर के रूप में काम किआ है सिर्फ वही व्यक्ति इस योजना का लाभ ले सकता है.
आदेश के अनुसार, सरकार के आधिकारिक वेब पोर्टल पर पंजीकृत गिग वर्कर्स को इस पहल से लाभ होगा. लाभार्थियों के कानूनी उत्तराधिकारी और अविवाहित वर्कर्स के भाई-बहन भी मुआवजे के लिए पात्र होंगे . उन्हें ई-श्रम पहचान पत्र संख्या सहित आवश्यक दस्तावेज जमा करते हुए सेवा सिंधु पोर्टल पर सीधे आवेदन करना होगा.
आदेश में कहा गया है कि नौकरी पर शराब या ड्रग्स के प्रभाव में गिग वर्कर्स, जिससे दुर्घटना या मृत्यु हो जाती है, योजना के लाभ के लिए पात्र नहीं होंगे. इसके अलावा वर्कर का परिवार गिग वर्कर की आत्महत्या, दूसरों को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने या मानसिक अस्थिरता के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की स्थिति में लाभ का दावा नहीं कर सकता है.
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