अमेज़न सर्वे रिपोर्ट: कर्मचारियों पर बढ़ता काम का बोझ और कम वेतन , तेज़ डिलीवरी के पीछे की हक़ीक़त
2024 में भारत में अमेज़न के कर्मचारियों पर अब तक का सबसे बड़ा सर्वेक्षण UNI Global Union और AIWA (Amazon India Workers Association) के सहयोग से किया गया।
इस सर्वेक्षण में 1,838 गोदाम (वेयरहॉउस) कर्मचारियों और डिलीवरी ड्राइवरों ने हिस्सा लिया। इस सर्वेक्षण ने कामकाजी परिस्थितियों, सुरक्षा और वेतन से संबंधित चिंताजनक आंकड़े उजागर किए हैं।
कर्मचारियों पर बढ़ता दबाव
अमेज़न की उच्च उत्पादकता के लक्ष्य अधिकांश कर्मचारियों के लिए लगभग असंभव साबित होते हैं। सर्वेक्षण में 81% गोदाम कर्मचारियों ने कहा कि उनके कार्य लक्ष्य या तो “कठिन” या “बहुत कठिन” दिए जाते हैं।
प्रत्येक 5 में से 4 कर्मचारी ने बताया कि उन्हें जानबूझ कर ऐसे टारगेट दिए जाते हैं ,जो दिए गए समय में पुरे नहीं किये जा सकते ताकि कर्मचारियों पर दबाव बना रहे।
कर्मचारियों ने बताया, ‘ हमें काम के दबाव के कारण किसी से बात करने का समय भी नहीं मिलता।’
सुरक्षा की कमी
सर्वेक्षण में केवल 21.3% कर्मचारियों ने महसूस किया कि अमेज़न सुरक्षित कार्य वातावरण प्रदान करता है।
विशेष रूप से डिलीवरी ड्राइवरों को शारीरिक जोखिम का सामना करना पड़ता है, जहां हर 5 में से 1 ड्राइवर को काम करते समय चोट लगी है।
“कभी-कभी हम डिलीवरी लक्ष्य पूरा करने के लिए तेज़ी से गाड़ी चलाते हैं, लेकिन हमारी सुरक्षा का ख्याल कोई नहीं रखता है।”
बाथरूम ब्रेक और निगरानी
अमेज़न का कड़ा निगरानी तंत्र इतना कठोर है कि कर्मचारियों को बाथरूम ब्रेक भी लेने में परेशानी होती है।
86.3% गोदाम कर्मचारियों ने कहा कि उनके पास बुनियादी जरूरतें पूरी करने का पर्याप्त समय नहीं होता, जैसे कि शौचालय जाना।
कर्मचारी बताते हैं, ‘ यदि आप शौचालय में 10 मिनट से अधिक समय लगाते हैं तो आपको देर से लौटने की शिकायत मिलती है।’
कम वेतन
कई कर्मचारियों के लिए उनकी कमाई बुनियादी जरूरतें पूरी करने के लिए भी पर्याप्त नहीं है।
43.4% ने कहा कि उनकी तनख्वाह आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है, जबकि 55.3% ने कहा कि वे किसी तरह गुज़ारा कर पाते हैं।
वो बतातें हैं, ‘ महंगाई बढ़ रही है, लेकिन हमारी तनख्वाह घट रही है। हमारी प्रति डिलीवरी दर ₹17 से घटकर ₹14 हो गई है। ‘
अत्यधिक काम का बोझ
अमेज़न के कई कर्मचारी 10 घंटे की शिफ्ट में बिना बैठे या उचित ब्रेक के काम करते हैं, जिससे उनकी शारीरिक और मानसिक सेहत पर भारी असर पड़ता है।
लगातार खड़े रहने से गोदाम कर्मचारियों में गंभीर दर्द और असुविधा होती है। कई मामलों में, यह काम का दबाव चोटों का कारण बना है, और कुछ कर्मचारी तो अधिक श्रम के कारण बीमार भी हो जाते हैं।
कुछ कर्मचारी बतातें हैं, ‘ हमें 10 घंटे काम करने के लिए कहा जाता है और बैठने तक की अनुमति नहीं दी जाती। कभी-कभी हमें बुखार होने पर भी काम करना पड़ता है। हमें सारे समय खड़े रहकर लक्ष्य पूरा करना पड़ता है।’
बदलाव की मांग
अमेज़न के भारतीय कर्मचारी तत्काल सुधारों की मांग कर रहे हैं ताकि खराब कार्य परिस्थितियों, कम वेतन, और अवास्तविक उत्पादकता लक्ष्यों का समाधान हो सके।
AIWA और वैश्विक Make Amazon Pay अभियान के समर्थन से, कर्मचारी सुरक्षित परिस्थितियों, उचित वेतन, और सम्मान की मांग कर रहे हैं। उनके इस आंदोलन का उद्देश्य अमेज़न से बेहतर व्यवहार और सामाजिक सुरक्षा प्राप्त करना है।
सम्मान के लिए संघर्ष
कर्मचारी केवल मांग नहीं रहे हैं, बल्कि वे सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं। वे संघ बनाने, दुर्घटनाओं के लिए उचित मुआवजा, और सुरक्षित और स्वस्थ कार्य परिस्थितियों की मांग कर रहे हैं।
उनकी मांगों को AIWA और वैश्विक अभियान “Make Amazon Pay” भी समर्थन दे रहे हैं।
मुख्य मांगें
. उचित वेतन और श्रमिकों का सम्मान।
. सभी कर्मचारियों के लिए सुरक्षा उपाय।
. ड्राइवरों के लिए सामाजिक सुरक्षा और बेहतर कार्य परिस्थितियाँ।
यह सर्वेक्षण एक स्पष्ट संदेश देता है कि भारत में अमेज़न के कर्मचारी सम्मान, उचित वेतन और सुरक्षित परिस्थितियों की मांग कर रहे हैं।
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