आंध्र प्रदेश की फ़ार्मा फ़ैक्ट्री में ब्लास्ट से 17 मज़दूरों की मौत, 208 कंपनियों के बीच सिर्फ एक दमकल गाड़ी
आंध्र प्रदेश के अनाकापल्ली ज़िले के विशेष आर्थिक क्षेत्र में स्थित एक फ़ार्मा फ़ैक्ट्री में विस्फोट की वजह से 17 मज़दूरों की मौत हो गई।
एस्सेन्टिया एडवांस्ड साइंस प्राइवेट लिमिटेड में बुधवार को रिएक्टर में विस्फ़ोट हुआ था जिसकी वजह से इमारत का एक हिस्सा नेस्तनाबूद हो गया।
बुधवार को आंध्र प्रदेश की टीडीपी-बीजेपी सरकार में डिप्टी सीएम पवन कल्याण, जो मशहूर एक्टर रहे हैं, उन्होंने 16 मज़दूरों के मारे जाने की बात कही थी।
इस हादसे में बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं।
बुधवार दोपहर को अच्युतापुरम स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (SEZ) की एस्सेन्टिया फ़ार्मा कंपनी में मज़दूर ख़ाना खा रहे थे, तभी एक ज़ोरदार धमाका हुआ और चारों ओर घना धुआं फैल गया।
यह घटना दोपहर करीब 2:15 बजे हुई। फैक्ट्री में दो शिफ्टों में 381 कर्मचारी काम करते हैं और रिएक्टर में विस्फोट लंच के समय हुआ, जिसकी वजह से कर्मचारियों की मौजूदगी कम थी।
यूपी : विस्फोट के दौरान खदान धंसी 4 मज़दूरों की मौके पर दर्दनाक मौत,नहीं थे सुरक्षा के कोई इंतज़ाम
मध्यप्रदेश:- पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट, 11 की मौत 200 से ज्यादा लोग घायल
कर्नाटक में 14 घंटे काम के प्रस्ताव पर बवाल: आईटी कर्मचारियों के लिए बढ़ सकता है काम का समय
हृदय विदारक दृश्य
अचुटापुरम पुलिस स्टेशन के सर्किल इंस्पेक्टर एम बुचैया ने इंडियन एक्सप्रेस से भयावह दृश्य के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि कई लोग रासायनिक रूप से बुरी तरह जल गए थे और उन्हें एंबुलेंस में ले जाते समय उनकी खालें उधड़ गई थीं।
उन्होंने कहा, “यह भयानक और दिल दहला देने वाला था। होश खोने से पहले वे चीख रहे थे।”
अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट के बाद इलाके में घना धुआं भर गया, जिससे बचाव कार्य में बाधा उत्पन्न हुई। विस्फोट का कारण बाद में स्पष्ट हो पाएगा। रामबिली गांव की सरपंच जी रामनम्मा ने कहा, “रामबिली मंडल के कई लोग उस कंपनी में काम करते हैं। न तो कंपनी के अधिकारी और न ही पुलिस स्पष्टता दे पा रही है।”
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अनाकापल्ली ज़िला कलेक्टर से घायलों को बेहतर इलाज का निर्देश दिया।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि अगर ज़रूरत पड़ी तो घायलों को निकालने के लिए एयर एंबुलेंस का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। सीएम ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव को अच्युतापुरम जाने का आदेश दिया है। सीएम खुद भी गुरुवार को दुर्घटनास्थल पर पहुंचेंगे।
नायडू केंद्र में मोदी सरकार के बैसाखी बने हैं, जबकि पूर्ण बहुमत पाने के बाद भी बीजेपी को राज्य सरकार में शामिल किया गया है।
केमिकल प्लांट में विस्फोट, आग लगने से 24 मज़दूर घायल
पालघर में ब्वायलर में विस्फोट, 3 मज़दूरों की मौत, 8 घायल
गरीब आबादी मामूली वेतन पर करती थी काम- इंडियन एक्सप्रेस
इंडियन एक्सप्रेस की एक ख़बर के अनुसार, एसईजेड कॉलोनी, रामबिली का प्रतिनिधित्व करने वाले मंडल परिषद प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र के सदस्य एल श्रीनिवास राव ने कहा कि, “मरने वाले या घायल होने वाले मज़दूर सबसे महत्वपूर्ण और खतरनाक काम करते हैं। उदाहरण के लिए, मोहन के माता-पिता दिहाड़ी मजदूर हैं और नौकरी के लिए गांव से बाहर जाने वाले पहले थे। वह एक पेंटर और एक मशीन ऑपरेटर के रूप में प्रति माह लगभग 14,000 रुपये कमा रहे थे।”
इसी तरह, काकीनाडा की रहने वाली हरिका एक निम्न आय वाले परिवार से थीं, वह, मोहन की तरह, फार्मा फ़ैक्ट्री में एक “ऑपरेटर” के रूप में काम कर रही थीं।
सहकर्मी जी मुसलराव ने बताया कि, “अगर वह दोपहर की शिफ्ट में होती, तो कभी-कभी वह तीन घंटे का सफर तय करके काकीनाडा में अपने घर जातीं और कुछ घंटों के लिए अपने परिवार के साथ रहतीं और अगले दिन काम पर लौट आतीं। वह एक मेहनती कर्मचारी थी और उसके बड़े सपने थे.”
मोहन के बारे में साथी मज़दूरों ने बताया कि, “मोहन एक साल से कंपनी में काम कर रहा था। वह रिएक्टर रूम के ठीक बगल में काम करता था। रिएक्टर, गैस पाइपलाइन और रसायनों वाले उपकरणों को चलाने वाले ज़्यादातर कर्मचारियों को कम वेतन मिलता है, लेकिन यह उनके परिवारों के लिए महत्वपूर्ण है।”
बांग्लादेश के डिपो में विस्फोट से 40 मजदूरों की मौत, बढ़ सकती है मरने वालों की संख्या
यूपी: पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट 7 मज़दूर झुलसे, 2 की हालात गंभीर
208 कंपनियों के बीच सिर्फ एक दमकल गाड़ी- बीबीसी
बीबीसी के अनुसार, अनाकापल्ली ज़िले में तकरीब 10 हज़ार एकड़ में विशेष आर्थिक क्षेत्र फैला हुआ है। इसमें से तीन हज़ार एकड़ फार्मा फैक्ट्रियों के लिए हैं।
यहां मौजूद फैक्ट्रियों में केमिकल यानी रसायनों का निर्माण और भंडारण किया जाता है। अक्सर यहां आग लगने की दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
इस एसईज़ेड क्षेत्र में कुल 208 कंपनियां हैं। लेकिन इतनी सारी कंपनियों के बावजूद यहां सिर्फ़ एक दमकल गाड़ी है।
इसी वजह से आसपास के फ़ायर स्टेशनों से आग बुझाने के लिए दमकल की गाड़ियां बुलाई गईं।
पिछले साल यहां की कंपनी साहित्य सॉल्वेंट्स में चार लोगों की मौत हो गई थी।
- मनरेगा में खटते खटते मर गई पत्नी, मरने के बाद भी नहीं मिली मज़दूरी- ग्राउंड रिपोर्ट
- फ़लस्तीन और इज़राइल का मज़दूर वर्ग
- मौत से लड़ते कटे टनल के वो सात घंटे, उत्तराखंड हादसे में बचे कर्मियों की आपबीती
- “हम मर जायेंगे लेकिन वेदांता को अपनी 1 इंच भी जमीन खनन के लिए नहीं देंगे” – ओडिशा बॉक्साइट खनन
- विश्व आदिवासी दिवस: रामराज्य के ‘ठेकेदारों’ को जल जंगल ज़मीन में दिख रही ‘सोने की लंका’
- “फैक्ट्री बेच मोदी सरकार उत्तराखंड में भुतहा गावों की संख्या और बढ़ा देगी “- आईएमपीसीएल विनिवेश
- “किसान आंदोलन में किसानों के साथ खड़े होने का दावा करने वाले भगवंत मान आज क्यों हैं चुप “
- ओडिशा पुलिस द्वारा सालिया साही के आदिवासी झुग्गीवासियों पर दमन के खिलाफ प्रदर्शन पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज
(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।