आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन,वेतन वृद्धि और नियमितीकरण की मांग पर अड़ीं
गुवाहाटी में सोमवार को हजारों आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने महिला और बाल विकास निदेशालय कार्यालय के बाहर अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया।
उनकी प्रमुख मांगों में मासिक वेतन में बढ़ोतरी, नौकरी का नियमितीकरण और अतिरिक्त सरकारी जिम्मेदारियों के लिए उचित मुआवजा शामिल था।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने सरकार पर उनकी समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
इस संबंध में फरवरी, 2023 में भी गुवाहाटी के चाचल क्षेत्र में 21 दिनों तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था, लेकिन उनकी मांगों को अब तक अनसुना किया जा रहा है।
मांगें और असंतोष
असम राज्यिक आंगनवाड़ी कर्मी अरु सहायिका संथा की सचिव, इंदिरा न्यूआर ने बताया कि वे लंबे समय से सरकार से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के वेतन में वृद्धि की मांग कर रहे हैं।
न्यूआर के अनुसार, “हम चाहते हैं कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मासिक वेतन कम से कम 12,000 रुपये और सहायिकाओं का वेतन 7,000 रुपये किया जाए। समय के साथ जीवन यापन की लागत लगातार बढ़ रही है, लेकिन हमारे वेतन में कोई सुधार नहीं हुआ है।”
वर्तमान में, असम के 62,153 आंगनवाड़ी केंद्रों में 1,21,000 से अधिक कार्यकर्ता और सहायिकाएं काम कर रही हैं। वर्तमान वेतन 6,500 रुपये प्रति माह (आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए) और 3,250 रुपये प्रति माह (सहायिकाओं के लिए) है, जो कि उनकी मेहनत और जिम्मेदारियों के अनुपात में बहुत कम है।
अतिरिक्त कार्य बिना मुआवजा के
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की एक अन्य बड़ी समस्या यह है कि उन्हें नियमित रूप से अन्य सरकारी कार्यों में भी लगाया जाता है।
न्यूआर के अनुसार, “आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को चुनावी ड्यूटी, एडीआर परीक्षाएं, पोलियो टीकाकरण अभियान जैसे कई अतिरिक्त कार्य करने होते हैं, लेकिन इन कामों के लिए कोई अतिरिक्त मुआवजा नहीं दिया जाता, जो कि अन्यायपूर्ण है।”
केवल चुनावी कार्य के लिए उन्हें कुछ मुआवजा दिया जाता है, जबकि अन्य जिम्मेदारियों के लिए कोई भुगतान नहीं होता।
सरकार की उदासीनता पर नाराजगी
इंदिरा न्यूआर ने बताया कि 12 अक्टूबर 2023 को सार्वजनिक रूप से निदेशक द्वारा मांगों को मानने की घोषणा के बावजूद अब तक किसी भी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
वे 2017 से वेतन में वृद्धि की मांग कर रही हैं, लेकिन सरकार की उदासीनता ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के असंतोष को और बढ़ा दिया है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने संघर्ष को और तेज करने की तैयारी में हैं। उनका कहना है कि अगर उनकी मांगों को जल्द ही नहीं माना गया, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे।
वे न केवल अपने हक के लिए लड़ रही हैं, बल्कि सामाजिक न्याय और सम्मान की भी मांग कर रही हैं, जिसे सरकार ने लंबे समय से नजरअंदाज किया है।
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