मेट्रो निर्माण के कारण हटाए जाने से आक्रोशित ऑटो और रेहड़ी वालों ने की चक्का जाम की घोषणा
बिहार सरकार द्वारा मेट्रो रेल निर्माण कार्य को देखते हुए पटना के कई ऑटो स्टैंड को बंद कर दिया गया है. पटना जंक्शन के पास के शहर के सबसे बड़े ऑटो स्टैंड टाटा मार्ग ऑटो स्टैंड को भी बंद कर दिया गया है. जिसके बाद शहर के सभी ऑटो वालों ने बीते शुक्रवार से रविवार तक हड़ताल कर दिया.
ऑटो ड्राइवर संघ का कहना है कि स्टैंड बिना किसी पूर्व सूचना के बंद कर दिया गया और उनके स्टैंड के लिए किसी दूसरी जगह की व्यवस्था भी नही की गई.
जिसके बाद यूनियन ने पटना जंक्शन के सामने 4 सितंबर को प्रदर्शन किया और 5 सितंबर को पूरे शहर में चक्का जाम करने की घोषणा कर दी है.
बिहार ऑटो ड्राइवर यूनियन के जनरल सेक्रेटरी राज कुमार झा ने बताया कि ” हमारे संगठन ने 5 सितंबर को पूरे पटना शहर में चक्का जाम करने का ऐलान किया है. फुटपाथ वेंडर्स यूनियन ने भी हमारे इस चक्का जाम का समर्थन किया है.पूरे शहर में इस दौरान लगभग 30 हज़ार ऑटोरिक्शा और ई-रिक्शा सड़कों पर नही उतरेंगे”.
यूनियन के इस फैसले से पूरे शहर की यातायात व्यवस्था चरमरा गई है. आम लोगों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
इस दौरान कई लोगों ने ओला और उबर जैसी कंपनियों के मनमानी कभी जिक्र किया लोगों ने बताया कि उनसे दुगने और तीन गुना ज्यादा भाड़ा लिया जा रहा है.
दिल्ली से पटना जंक्शन पर उतरे एक यात्री ने बताया की” ऑनलाइन कैब बुक करने पर कंपनी वाले दुगना पैसा मांग रहे है.सरकार की तरफ से भी यात्रियों के लिए किसी तरह की व्यवस्था नहीं की गई है.”
रोहतास जिले से एक प्रतियोगी परीक्षा देने के लिए पटना पहुंचे विशाल ने बताया की ” हमे नहीं पता था की ऑटो वालों की हड़ताल है.अब परीक्षा केंद्र तक पैदल ही जाना पड़ेगा,समय से नहीं पहुंचा तो शायद परीक्षा न छूट जाये.”
पटना नगर फुटपाथ दुकानदार यूनियन के सतेंद्र कुमार ने बताया की ” हम पिछले 30 सालों से फुटपाथ पर दुकान लगा रहे हैं. इन दुकानों से हज़ारों परिवारों का गुजर-बसर होता है,ऐसे में सरकार के इन दुकानों को हटाने के फैसले में साथ चलने को तैयार है लेकिन सरकार को भी हमें कोई दूसरी जगह देना चाहिए जहाँ हम अपनी दुकाने लगा सके. आखिर हर विकास की भेंट हमेशा हम जैसे लोग ही क्यों चढ़ते हैं.’
ये भी पढ़ेंः-
- दत्ता सामंत की हत्या मामले में गैंगेस्टर छोटा राजन बरी, एक उभरते मज़दूर आंदोलन की कैसे हुई हत्या?
- एक ट्रेड यूनियन लीडर के वकील बनने की कहानी
- शंकर गुहा नियोगी की याद में शहादत दिवस
- 4 करोड़ मज़दूरों के नाम हटाए गए मनरेगा की सूची से, आखिर क्या है सरकार की मंशा
- मणिपुर दरिंदगी के ख़िलाफ़ सभा कर रहे कार्यकर्ताओं पर हमला, कई के सिर फूटे, आरएसएसएस-बीजेपी पर आरोप
- राजस्थान में पारित हुआ न्यूनतम आमदनी गारंटी कानून, मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा देश के लिए मॉडल होगा ये बिल
- आंध्र सरकार का नया पेंशन मॉडल क्या है, जिस पर मोदी सरकार की बांछें खिलीं
- अब मोदी खुद उतरे ओल्ड पेंशन स्कीम के विरोध में, राज्यों में बहाली को बताया ‘पाप’
वर्कर्स यूनिटी को सपोर्ट करने के लिए सब्स्क्रिप्शन ज़रूर लें- यहां क्लिक करें