आजमगढ़: जमीन अधिग्रहण के खिलाफ किसान-मजदूरों का धरना जारी, प्रदर्शन में शामिल हुए किसान नेता राकेश टिकैत
आजमगढ़ मंदुरी हवाई पट्टी को बढ़ने के लिए भू अधिग्रहण की कार्रवाई के खिलाफ प्रभावित गांवों के मजदूर-किसान पिछले 29 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार को किसान नेता राकेश टिकैत ने धरनास्थल खिरिया का बाग पर पहुंचकर किसानों के हक की मांग को मजबूत किया। धरनास्थल पर बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद रहीं।
टिकैत ने कहा कि एक भी किसान अपनी जमीन नहीं देना चाहेगा तो उसकी लड़ाई मैं यहां लड़ूंगा। यहां एक भी किसान जमीन देने को तैयार नहीं है। ऐसे में किसी भी हालत में यहां एयरपोर्ट नहीं बनाया जा सकता है। उन्होंने जिलाधिकारी को चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी तरह के उत्पीड़न की कार्रवाई न किया जाए, नहीं तो खिरिया का मैदान देश के किसानों के बड़े आंदोलन का मैदान होगा।
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टिकैत ने कहा कि, जमीन की लड़ाई आदिवासियों से सीखनी चाहिए कि वो किस तरह से सेना और तोप के आगे जमीन बचाने की लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं। ये संघर्ष लंबा है। हम किसानों के साथ हैं। शांति-एकता के जरिए ही आन्दोलनों की जीत होती है।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राजवीर सिंह जादौन ने कहा कि जमीन, मकान के बाद आने वाले समय में जान बचाने की लड़ाई लड़नी होगी। आठ गांवों का सवाल है। आप और ताकत लगाइयेगा। हिंदुस्तान के किसान को जाति-धर्म में नहीं बटना चाहिए। सभा की अध्यक्षता रामनयन यादव, संचालन किसान नेता राजीव यादव ने किया।
गौरतलब है कि आजमगढ़ मंदुरी हवाई पट्टी को बढ़ने के नाम पर गरीब मज़दूरों की जमीन अधिग्रहण करने के विरोध में किसान मजदूरों का धरना लगातार जारी है। इस अधिग्रहण में मंदुरी, जमुआ हरिराम, गदनपुर हिच्छन पट्टी, कादीपुर, हसनपुर, जोलहा जमुआ और जिगिना कर्मनपुर गांव विस्तारीकरण में आ रहा है। गांव के किसान मज़दूरों के मकान व पूरी जमीन विस्तारीकरण में जा रही है।
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इतना ही नहीं कुल 370 एकड़ में से प्रथम चरण में 310 व द्वितीय चरण में 360 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना है। किसान मज़दूरों का आरोप है कि जिला प्रशासन भूमि अधिग्रहण करने के लिए किसानों खासतौर से दलितों और महिलाओं के साथ बदसलूकी कर रहा है।