आज़मगढ़: खिरिया बाग के किसानों ने छात्र-युवा किसान-मजदूर पंचायत का किया ऐलान
उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ ज़िले में खिरिया बाग के किसानों ने आगामी 11 दिसंबर को छात्र-युवा किसान-मजदूर पंचायत का ऐलान किया है।
खिरिया बाग के आंदोलनकारियों का कहना है कि 11 दिसंबर को संघर्ष के दो महीने पूरे हो रहे हैं। इस अवसर पर छात्र-युवा किसान-मजदूर पंचायत का आयोजन होगा। साथ ही ग्रामीण खिरिया बाग से पदयात्रा करेंगे।
ज्ञात हो कि पिछले 13 अक्टूबर 2022 से मंदुरी एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने के लिए किये जा रहे भूमि अधिग्रहण के विरोध में सात गाँवों के ग्रामीणों का आंदोलन चल रहा है। यह आंदोलन जमीन-मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा द्वारा चलाया जा रहा है।
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पूर्वांचल में संघर्ष का इतिहास
प्रदर्शन के 57 वें दिन जमीन-मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ताओं ने कहा कि खिरिया बाग किसान-मजदूर आंदोलन पूर्वांचल में संघर्ष का इतिहास बना रहा है।
उनका आरोप है कि राज्य सरकार हमें थकाना चाहती है लेकिन हमने तय कर दिया है कि जमीन नहीं देंगे और आज़मगढ़ को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की कोई जरूरत नहीं। एयरपोर्ट से विकास होता तो इतने साल से किसानों की जमीन पर बने एयरपोर्ट से विकास हो गया होता, पर ऐसा कुछ नहीं हुआ।
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि एयरपोर्ट के नाम पर किसानों की जमीन पर जो एयरपोर्ट बनाया गया है वहां किसान मंडी बनाई जाए।
जमीन-मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा के इस आंदोलन को किसान और मज़दूर संगठनों के वरिष्ठ नेताओं ने भी अपना समर्थन दिया है।
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क्या है मामला
गौरतलब है कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे, तो उन्होंने मंदुरी एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की घोषणा की। मंदुरी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की योजना का 2018 में शिलान्यास भी कर दिया गया।
इस योजना के तहत सरकार कुल 670 एकड़ जमीन लेना चाहती है। सर्वे और जमीन नपाई का काम सरकार दो चरणों में करेगी। पहले चरण में 360 एकड़ जमीन का सर्वे कार्य पूरा किया जा चुका है और दूसरे चरण में 310 एकड़ जमीन के का सर्वे होना बाकी है।
जमीन-मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा के धरने को दुखहरन राम, राजीव यादव, किस्मती, कालिंदी, पूनम, लालमती, उर्मिला, शशिकला, सरिता, लालमती, राजेश यादव, रामचन्दर यादव, रामशब्द ने संबोधित किया।
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