बेलसोनिका में 11 परमानेंट मज़दूरों को काम से निकाला, टर्मिनेट और निलंबित मज़दूरों की संख्या 30 हुई
मानेसर में मारुति की कंपोनेंट बनाने वाली बेलसोनिका कंपनी ने 11 परमानेंट मज़दूरों को शुक्रवार को निकाल दिया.
कंपनी द्वारा जो नोटिस लगाया गया था उस पर निकालने का कोई ठोस कारण नहीं दिया गया है.
इस एकतरफ़ा कार्रवाई के बाद ए शिफ़्ट के मज़दूर फ़ैक्ट्री में ही शांतिपूर्ण धरने पर बैठ गए. हालांकि दो घंटे बाद ये धरना ख़त्म कर दिया.
मैनेजमेंट ने बी शिफ़्ट के मजदूरों को तबतक फैक्ट्री के अंदर नहीं भेजा जबतक ए शिफ़्ट के मजदूर चले नहीं गए.
यूनियन का कहना है कि बेलसोनिका प्रबंधन ने 11 स्थाई श्रमिकों को फर्जी दस्तावेज के आधार पर बर्खास्त कर दिया.
मजदूरों का कहना है कि काफी मात्रा में पुलिस बल लगाया गया और कंपनी में बाउंसर लगातर तैनात किए हुए थे.
अब तक कुल 30 मजदूरों को निकाला गया है, जिनमें 13 मजदूरों को निलंबन व 17 मजदूरों को बर्खास्त किया जा चुका है.
इससे पहले 7 अप्रैल 2023 को 3 अस्थाई मजदूरों को बर्खास्त था, 30 मार्च 2023 को 10 स्थाई मजदूरों को निलम्बित कर दिया, 7 मार्च 2023 को 3 यूनियन प्रतिनिधियों को निलंबित किया, 23 दिसंबर 2022 को 2 स्थाई मजदूरों को बर्खास्त किया व 21 अक्तूबर 2022 को 1 स्थाई मजदूर को बर्खास्त किया जा चुका है.
यूनियन पदाधिकारियों का कहना है कि प्रबंधन अपनी हठधर्मिता पर अड़ा हुआ है और लगातार मजदूरों की रोजी – रोटी छीन रहा है।
निकाले गए 11 मज़दूरों में राहुल यादव, प्रेमचंद, सूरेश कुमार, संतोष कुमार, आदित्य नारायन, योगेश, बब्लू, सुजीत, संतोष राय, मुकेश कुमार शर्मा और जितेंद्र दीक्षित का नाम शामिल है.
एक मज़दूर ने कहा कि प्रबंधन मज़दूरों में फूट डालने की कोशिश कर रहा है और इसी का फायदा उठा कर वो छंटनी को धीरे धीरे अंजाम दे रहा है.
वर्कर्स यूनिटी को सपोर्ट करने के लिए सब्स्क्रिप्शन ज़रूर लें- यहां क्लिक करें
(वर्कर्स यूनिटी के फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर सकते हैं। टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें। मोबाइल पर सीधे और आसानी से पढ़ने के लिए ऐप डाउनलोड करें।)