बेलसोनिकाः धरना दे रहे कर्मचारियों को हटाने की मैनेजमेंट की मांग ख़ारिज, अनशन का 16वां दिन
शुक्रवार को बेलसोनिका यूनियन की क्रमिक भूख हड़ताल का 16 वां दिन था. प्रबंधन द्वारा फ़ैक्ट्री गेट पर अनशन को प्रतिबंधित करने के लिए अदालत में गुहार लगाई गई थी जो खारिज हो गई.
क्रमिक भूख हड़ताल पर यूनियन के कानूनी सलाहकार कर्मबीर सिंह, बर्खास्त वर्कर सुजीत सिंह व सस्पेंड वर्कर जैनेंद्र कुमार बैठे थे.
बेलसोनिका प्रबंधन द्वारा यूनियन के धरने को उठाने के लिए सिविल कोर्ट गुड़गांव में याचिका लगाई गई थी.
प्रबंधन की याचिका पर दिनांक 18 मई 2023 को सुनवाई हुई. कोर्ट ने प्रबंधन को 1000 मीटर का कोई आदेश नहीं दिया, जो कि प्रबंधन ने अपनी याचिका में गुहार लगाई थी.
यूनियन ने एक बयान जारी कर कहा है कि कोर्ट से अपने पक्ष में कोई निर्देश न मिलने पर प्रबंधन ने बौखलाहट में श्रमिकों को संबोधित करते हुए एक नोटिस, नोटिस बोर्ड पर चिपका जिसमें श्रमिकों से कहा गया है कि सभी श्रमिक अपनी यूनियन को समझाएं.
एक यूनियन प्रतिनिधि ने कहा कि यूनियन को श्रमिक क्या समझाएं, इस बारे में प्रबंधन ने नोटिस में कुछ नहीं लिखा है.
यूनियन के अनुसार, प्रबंधन को जब धरना उठाने के लिए कोई कानूनी राहत नहीं मिली तो प्रबंधन अब श्रमिकों की एकता में तोड़फोड़ कर आंदोलन को कमजोर कर खत्म करने की ओर बढ़ रहा है.
यूनियन के मुताबिक, प्रबंधन लगातार यूनियन की एकता में सेंध लगाकर यूनियन को कमजोर कर प्रबंधन के छंटनी के उद्देश्य में सफल होना चाहता है. लेकिन यूनियन व श्रमिक अपनी एकता से प्रबंधन की हर कोशिश का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं.
यूनियन नेताओं ने आशंका जताई है कि प्रबंधन अब बौखलाहट में कुछ भी कदम उठा सकता है इसलिए यूनियन ने सभी मजदूरों से प्रबंधन की इन चालों से सचेत व सतर्क रहने की अपील की है.
यूनियन ने प्रबंधन को 19 मई को सभी विवादों के समाधान के लिए एक पत्र मैनेजिंग डायरेक्टर को दिया है.
इससे पूर्व भी यूनियन सभी विवादों के समाधान के लिए मैनेजिंग डायरेक्टर को पत्र दे चुकी है, लेकिन यूनियन का कहना है कि प्रबंधन की तरफ से अभी तक विवादों के समाधान के लिए कोई बातचीत की पेशकश नहीं आई है.
नेताओं का कहना है कि क्रमिक भूख हड़ताल के 16 दिन बीत जाने के बाद भी प्रबंधन का रुख अड़ियल बना हुआ है.
ये भी पढ़ेंः-
- भारत में सुपर अमीरों की संख्या बढ़ी, 1.44 करोड़ रुपये वाले भी 1% अमीरों के क्लब में
- मानेसर प्रोटेरिअल वर्कर कंपनी में धरने पर बैठे, गेट के बाहर दो शिफ़्ट के वर्कर
- नागपुर: मोराराजी टेक्सटाइल्स के वर्कर पानी की टंकी पर चढ़े, चार महीने से बकाया है सैलरी
- बेलसोनिका: ठेका मज़दूर को यूनियन सदस्य बनाने का मामला इतना तूल क्यों पकड़ा?
वर्कर्स यूनिटी को सपोर्ट करने के लिए सब्स्क्रिप्शन ज़रूर लें- यहां क्लिक करें