बेलसोनिका : यूनियन पदाधिकारियों के निलंबन पर क्या बोले परिवारजन?
By शशिकला सिंह
मज़दूरों के लिए संघर्ष के 15 साल देने के बाद यदि उनके हाथ में बिना पूर्व नोटिस के निलंबन थमा दिया जाये, तो इससे बड़ी तानाशाही क्या हो सकती है? ऐसा कहना है बेलसोनिका यूनियन के महा सचिव अजीत सिंह की पत्नी मोनिका का।
मोनिका ने वर्कर्स यूनिटी के साथ की खास बातचीत में बताया कि उनके दो बच्चे हैं, दोनों ही प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं। लेकिन उनके पति के निलंबन के बाद परिवार ये सोचने को मज़बूर हो गया है कि अब बच्चों को प्राइवेट में पढ़ाया जाये जा किसी सरकारी स्कूल में दाखिला करवा दिया जाये।
मोनिका का कहना है कि उनके पति अजित सिंह ने एक क्रांतिकारी नेता के रूप में हर कदम पर मज़दूरों का साथ दिया है और उनकी हर परेशानी को अपनी परेशानी समझा है। उनका कहना है कि बिना किसी पूर्व नोटिस के स्थाई मज़दूरों को निलंबित करना प्रबंधन के तानाशाही रवैये को दर्शाता है।
मोनिका की मांग है कि बेलसोनिका प्रबन्धन तत्काल यूनियन के तीनों पदाधिकारियों को काम पर वापस ले।
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निकाला जुलूस
उल्लेखनीय है कि हरियाणा के मानेसर स्थित ऑटो पार्ट्स बनाने वाली बेलसोनिका कंपनी ने मज़दूर यूनियन के तीन पदाधिकारियों को बीते 17 मार्च को निलंबित करने का लिखित नोटिस दिया था।
इस बात की जानकारी बेलसोनिका वर्कर्स यूनियन ने अपने फेसबुक लाइव द्वारा साझा की थी। इसमें बताया गया था कि बेलसोनिका मज़दूर यूनियन के प्रधान मोहिंदर कपूर, महासचिव अजीत सिंह और संगठन सचिव सुनील कुमार को निलंबित कर दिया गया है।
इसके विरोध में 22 मार्च 2023 को गुड़गांव डीसी कार्यालय के समक्ष बेलसोनिका मज़दूरों के परिजनों और प्रगतिशील महिला एकता केंद्र द्वारा ज़ोरदार जुलूस और धरने का आयोजन किया गया था।
संगठन सचिव सुनील कुमार की पत्नी दीपिका ने वर्कर्स यूनिटी के साथ अपनी परेशानी साझा की। वो 7 महीने की गर्भावस्था में हैं।
दीपिका ने कहा कि बिना किसी ठोस कारण के अचानक निलंबन का लिखित पत्र थमाना पूरी तरह से गैर क़ानूनी है। उन्होंने बताया कि वो अपने परिवार के साथ मानेसर में एक किराये के मकान में रहती हैं। एक 3 साल का बेटा है, जिसका इस साल नर्सरी में एडमिशन करवाना है। इसके अलावा सुनील कुमार के ऊपर हर महीने 20000 रुपए तक का लोन भी है।
उन्होंने कहा कि अचानक निलंबित किये जाने के कारण परिवार को काफी दिक्कतों का सामान कारण पड़ रहा है।
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निलंबन निरस्त करने की मांग
दीपिका की मांग है कि प्रबंधन ठेकेदारी प्रथा को खत्म कर तत्काल बर्खास्त या निलंबित किये गए सभी मज़दूरों को काम पर वापस ले।
दरअसल, पिछले दो साल से बेलसोनिका प्रबंधन और मज़दूरों के बीच पर लगातार तनाव जारी है। यूनियन का आरोप है कि प्रबंधन लगातार अलग अलग हथकंडे अपना कर यूनियनों को तोड़ने की कोशिश कर रही है। जिससे यह मौजूदा पक्के मज़दूरों की छंटनी कर सके और उनकी जगह अस्थायी मज़दूरों से कम वेतन और अधिकार विहीन स्थितियों में काम करवा सकें। प्रबंधन के इन क़दमों के ख़िलाफ़ यूनियन लगातार संघर्षरत रही है।
प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की सदस्य और बेलसोनिका यूनियन के प्रधान मोहिंदर कपूर की पत्नी रीना का कहना है कि बीते 15 सालों से बेलसोनिका में काम करने बाद अगर मज़दूरों को बिना बताये निलंबित कर दिया जाता है, तो उनके परिवारवालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
एक गृहणी होने के नाते रीना का कहना है कि महंगाई आसमान छू रही है। उनका कहना है कि गैस सिलंडर ही 1100 रूपये का आता है फिर बेलसोनिका प्रबंधन ने उस वक्त मज़दूरों को निलंबित किया है जब सभी को बच्चों को नई क्लास में दाखिले के लिए फीस का भुगतान करना है, इसके अलावा नई किताबे भी खरीदनी है।
रीना ने बताया कि बेलसोनिका प्रबंधन के नियमों के मुताबिक निलंबित मज़दूरों को आगामी तीन महीने तक उनके मासिक वेतन की आधी राशि का भुगतान किया जायेगा। लेकिन हर महीने होने वाली निश्चित ख़र्चों को भी पूरा कर पाना मुश्किल हो जायेगा।
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भूख हड़ताल की दी चेतावनी
प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की सदस्य होने के नाते रीना ने कहा कि वह अपने पति व अन्य यूनियन पदाधिकारियों की नौकरियां खोने का इंतज़ार नहीं करेंगी। बल्कि बेलसोनिका यूनियन की लड़ाई में यूनियन के साथ कंधे से कंधा मिला कर संघर्ष करेंगी।
रीना की मांग है कि बेलसोनिका प्रबंधन तत्काल स्थाई मज़दूरों की जगह सस्ते और अकुशल ठेका मज़दूरों की भर्ती करना बंद करे, घरेलू जाँच का हवाला देकर काम से निकाले गए सभी मज़दूरों को वापस ले और तीन यूनियन पदाधिकारियों के निलंबन को तुरंत निरस्त कर काम पर बुलाये।
बुधवार को हुए ज़ोरदार जुलूस प्रदर्शन में इंकलाबी मज़दूर केंद्र, मज़दूर सहयोग केंद्र, श्रमिक संग्राम कमेटी, मारूति मानेसर के बर्ख़ास्त मज़दूर व 2000 के मारूति गुड़गांव के आन्दोलन में निकाले गए साथी राम कुमार शामिल रहे।
इस दौरान जुलूस का हिस्सा बनी बेलसोनिका मज़दूरों के परिवार की महिलाओं ने निलंबन और छंटनी पर तत्काल रोक लगाने के लिए प्रबंधन को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने चेतावनी भी दी।
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