बेलसोनिका : मज़दूरों ने काम के दौरान पीठ पर पर्चे लगा कर किया प्रदर्शन
By शशिकला सिंह
हरियाणा के आईएमटी मानेसर स्थित बेलसोनिका कंपनी के मजदूरों ने आज सुबह की शिफ्ट में काम के दौरान ही प्रदर्शन किया।
मज़दूरों ने अपनी पीठ पर पर्चा चिपका कर प्रबंधन से लंबित पड़ी मांगों पर बात करने की मांग की है।
पीठ पर चिपकाये पर्चे पर लिखा है कि खुली छिपी छंटनी करना बंद करो! प्रबंधन छंटनी की मंशा को त्याग कर सभी विवादों / मांग पत्रों पर यूनियन के साथ बैठकर समाधान करे! तथा मजदूरो के अक्टूबर 2022 माह में की गई वेतन कटौती को तत्काल वापिस दे।
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मज़दूरों का कहना है कि “प्रबंधन ने मज़दूरों की अक्टूबर माह की सैलरी में भारी कटौती की है। जिसका कारण प्रबंधन सिस्टम का क्रैश होना बता रहे हैं। प्रबंधन ने अपने सिस्टम के फेल होने का दोष मजदूरो की तन्खाह में कटौती कर थोंप दिया है।”
यूनियन का आरोप
बेलसोनिका यूनियन का आरोप है कि “प्रबंधन ने एक तरफ़ा फैसला करते हुए मज़दूरों के वेतन में कटौती उचित समझा। इतना ही नहीं प्रबंधन की उकसावे पूर्ण गतिविधियां लगातार जारी हैं। प्रबंधन अपनी छंटनी की मंशा को त्यागने को तैयार नहीं है।”
यूनियन के प्रधान मोहिंदर कपूर ने बताया कि स्थाई मज़दूरों के वेतन में कटौती ढाई हजार से लेकर ₹12000 तक की गई है व ठेका मज़दूरों के वेतन में कटौती ₹500 से लेकर ₹5000 तक की की गई है।
मोहिंदर आगे बताते हैं कि 8 – 10 साल से काम करने वाले मज़दूरों को प्रबंधन फर्जी बता रहा है और उनकी घरेलू जांच कार्यवाही करके उनका मानसिक उत्पीड़न कर रहा है। प्रबंधन पेंडिंग पड़े मांग पत्रों पर कोई भी वार्ता नहीं कर रहा है। इससे स्थिति नाजुक बनी हुई है।
ठेकेदार दे रहे रहें हैं धमकियां
बेलसोनिका यूनियन से मिली जानकारी के अनुसार प्रदर्शन कर रहे ठेका मज़दूरों के ऊपर ठेकेदार द्वारा पर्चा पीठ पर न लगाने का दबाव बनाया जा रह है। और ऐसा न करने वाले मज़दूरों के मोबाइल नंबर और कर्मचारी संख्या नोट की जा रही है। इतना ही नहीं ठेकेदार, मज़दूरों को धमका रहे हैं। यहां तक कि मज़दूरों को नौकरी से निकालने की धमकियां भी दी जा रहीं हैं।
यूनियन ने बताया कि प्रबंधन अपनी हरकतों से बाज न आकर मज़दूरों को मिलने वाले रविवार के साप्ताहिक अवकाश को मेंटेनेंस विभाग में खत्म करने का फरमान आज दिनांक 17.11.2022 को दोबारा से यूनियन को सुना चुका है।
बीते तीन हफ़्तों से मज़दूरों के ऊपर इस बात का दबाव बनाया जा रहा था कि मज़दूर रविवार को भी काम करने आए और यदि मज़दूर ऐसा करने से मना कर रहे हैं तो उनकी रविवार के साप्ताहिक अवकाश के दिन की जबरदस्ती गैरहाजिरी लगा कर उनके महीने के वेतन में से कटौती की जाएगी। और प्रबंधन पिछले 2 महीने से ऐसा ही कर रहा था।
यूनियन के संगठन सचिव सुनील कुमार ने कहा कि “प्रबंधन द्वारा फैक्ट्री के अंदर की जा रही उकसावे पूर्ण कार्यवाही के विरोध में तथा प्रबंधन के तानाशाही रैवये को लेकर यूनियन लगातार विरोध दर्ज कर रही है। प्रबंधन की इन कार्यवाही से मजदूर यूनियन में लगातार रोष बढ़ता जा रहा है। प्रबंधन ओद्योगिक अशांति पैदा करने का प्रयास कर रहा है।”
पहले भी काम के दौरान किए है प्रदर्शन
गौरतलब है कि बेलसोनिका के मज़दूरों ने अप्रैल 2022 को भी पीठ पर एक पर्चा चिपका कर काम करने का फैसला किया, जिसमें मज़दूरों ने एयर वॉशर न चलाए जाने और घरेलू जांच बिठा कर छंटनी करने की कोशिशों की निंदा की गयी थी।
इतना ही नहीं जब प्रबंधन ने इस मुद्दे पर कोई कार्रवाही नहीं तो मज़दूरों ने फ़ैक्ट्री में शर्ट उतार कर काम करना शुरू किया था इस समय भी प्रबंधन ने यूनियन को अनुशासनहीनता का नोटिस थमा दिया था।
बेलसोनिका के मज़दूर लगातार प्रबंधन की गलत नीतियों के खिलाफ इस तरह के प्रदर्शन करते रहे हैं। साथ ही अन्य मज़दूर सम्बन्धी मामलों पर कभी सेमिनार तो कभी बैठके करते है।
इस बार बेलसोनिका यूनियन के आगामी 20 नवंबर को नए लेबर कोड्स के विरोध में गुड़गांव डी सी कार्यालय के सामने SKM के धरना स्थल पर मज़दूर किसान पंचायत करने का ऐलान किया है।
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यूनियन के सदस्यों ने इस समबन्ध में SKM के वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रण पत्र भी दिया है। साथ ही फेसबुक लाइव के माध्यम से मानेसर स्थित अन्य मज़दूर यूनियन और मज़दूरों को पंचायत में शामिल होने का आग्रह किया है।
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मजदूरों को उनका हक, मेहनताना और सम्मान मिलना चाहिए.
इन्हीं के परिश्रम से उद्योगपति की रोजी-रोटी चलती है.