बेलसोनिकाः लॉकडाउन में ली गई छुट्टी का दोषी बता परमानेंट कर्मचारी को अब किया टर्मिनेट, यूनियन ने कहा जारी रहेगा संघर्ष
मारुति की कंपोनेंट मेकर कंपनी बेलसोनिका की मज़दूर यूनियन ने फैक्ट्री से बर्खास्त कर्मचारी की बहाली के लिए संघर्ष को जारी रखने के लिए आर्थिक मदद की है।
बेलसोनिका प्रबंधन ने आशीष पाल नामक कर्मचारी को बीते माह अक्टूबर में काम से निकाल दिया था। जिसके बाद से उनको जीवन यापन में काफी दिक्कते आ रही थी। जिसको देखते हुए यूनियन ने फैक्ट्री के प्रत्येक मज़दूर से हर महीने 15 रुपए की आर्थिक मदद देने का आग्रह किया था।
यूनियन ने आशीष को नवंबर के महीने की सहायक राशि दी है। साथ ही यूनियन ने बर्खास्त मज़दूर आशीष पाल की बहाली की लड़ाई को जारी रखने का एलान किया है।
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बेलसोनिका यूनियन के महासचिव अजीत सिंह का कहना है कि यूनियन और सभी मज़दूर साथियों ने प्रबन्धन के अमानवीय व्यवहार का शिकार हुए आशीष पाल की बहाली की लड़ाई को जारी रखने के लिए आर्थिक मदद की है।
उनका कहना है यह मदद इसलिए की गयी है जिससे बर्खास्त मज़दूरों को जीवन यापन में दिक्कतों का सामना न करना पड़े और वह बहाली के संघर्ष में यूनियन के साथ रहे।
बेलसोनिका यूनियन के सोशल मीडिया पेज से मिली जानकारी के मुताबिक, आशीष पाल को महामारी के दौरान ली गई छुट्टियों का हवाल देते हुए 21 अक्टूबर 2022 को काम से निकाल दिया गया था। इस सम्बन्ध में प्रबंधन ने आशीष पाल की घरेलू जाँच भी करवाई थी। जिसके बाद उनको नौकरी से निकाल दिया गया।
आशीष पाल बीते आठ सालों से फैक्ट्री में काम कर रहे थे। 2017 में उनको स्थाई किया गया था। फिलहाल आशीष पाल एक ठेका मज़दूर के तौर पर काम कर रहे हैं।
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गौरतलब है कि यूनियन ने बीते सितम्बर में सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल एक कैजुअल मजदूर संतोष की आर्थिक मदद की थी। इससे पहले मई 2022 को आटा गूंथने वाली मशीन में करन परमार नामक मज़दूर का हाथ टूट जाने पर इलाज के लिए यूनियन और मज़दूरों ने करन की आर्थिक मदद की थी।
बेलसोनिका यूनियन का कहा है कि यूनियन हमेशा मज़दूरों की मदद को तैयार है। साथ ही बर्खास्त मज़दूर की बहाली के लिए संघर्षरत है।
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