दक्षिणी उड़ीसा में पुलिस और कंपनी के गुंडों द्वारा उत्पीड़न के विरुद्ध एकजुटता का आह्वान

दक्षिणी उड़ीसा में पुलिस और कंपनी के गुंडों द्वारा उत्पीड़न के विरुद्ध एकजुटता का आह्वान

हमारी पवित्र मालियों और पहाड़ों को बचाएँ!!
उन्हें हमारे लिए और भावी पीढ़ियों के लिए बचाएँ!

9 अगस्त के दिन विश्व आदिवासी दिवस के मद्देनजर जब दक्षिणी उड़ीसा, खासकर , अविभाजित कोरापुट और कालाहांडी जिलों के कुछ हिस्सों के पहाड़ी, बॉक्साइट-समृद्ध क्षेत्र के स्थानीय आदिवासी और दलित समुदाय अपने अधिकारों के दावे को जताने के लिए उत्सव की तैयारी कर रहे थे.
तभी उड़ीसा पुलिस के द्वारा बीच रात में न सिर्फ छापेमारी की गई बल्कि कई लोगो को ज़बरन उठाया और अवैध हिरासत सहित शारीरिक हमला करने से लेकर जेलों में डालने तक कई गंभीर दमन की कार्यवाही को अंजाम दिया.

यह सारा काम पुलिस और प्रशासन ने कंपनियों को बॉक्साइट भंडार को खुलेआम लूटने के बहाने के लिए,सड़क साफ़ करने के के नाम पर किया जा रहा है. दिन ब दिन इस दमन का दायरा फैलता भी जा रहा है और बदस्तूर जारी है.

•नियमगिरि सुरक्षा समिति के 9 कार्यकर्ताओं पर फ़र्ज़ी यूएपीए के आरोप लगाए गए हैं, जिनमें समिति के नेता लादा सिकाका, द्रेंजू कृषिका और लिंगराज आज़ाद भी शामिल हैं. 4 दिनों तक लापता रहने के बाद उपेन्द्र बाग को यूएपीए के तहत जेल में डाल दिया गया है. समिति के एक युवा कार्यकर्ता कृष्णा सिकाका को बलात्कार के आरोप वाली एक पुरानी मनगढ़ंत एफ़आईआर के अंतर्गत क़ैद में रखा गया है.

•काशीपुर और थुआमुल रामपुर ब्लॉक में सिजलीमाली पर्वत के खनन के खिलाफ आंदोलन के 25 से अधिक प्रमुख कार्यकर्ता 13 से 20 अगस्त 2023 के बीच गिरफ्तार किए गए और वे जेल में हैं.

•माली पर्वत सुरक्षा समिति के आदिवासी नेताओं को 23 अगस्त की शाम सेमिलिगुड़ा, कोरापुट के पास से अपहरण कर 26 अगस्त की सुबह रहस्यमय तरीके से दांतेवाड़ा, छत्तीसगढ़ के पास छोड़ दिया गया, जहाँ से उन्हें उनके परिवारों ने बचाया.

विगत कुछ वर्षों में, नियमगिरि, सिजलीमाली, कुट्रुमाली, मझिंगमाली, खंडुआलमाली और कोडिंगमाली, माली पर्वत, सेरुबंधा माली, कोरनाकोंडा माली तथा नागेश्वरी पर्वत के संघर्षरत लोगों के बीच एकजुटता बनाने के लिए ठोस प्रयास किए गए हैं.
इस प्रयास में विशेषकर नियमगिरि और माली पर्वत की पहल, समर्थन और एकजुटता, इनमें से कई आंदोलनों के लिए प्रेरणा और साहस का स्रोत रही है. एकजुटता प्रदर्शित करने और एकता कायम करने के लिए परब, पदयात्राएँ, विरोध प्रदर्शन और संयुक्त कार्यक्रम आयोजित किए गए.

विश्व आदिवासी दिवस का उत्सव इसी सामूहिक गतिविधि का हिस्सा था. इसे कॉर्पोरेट हित के लिए बड़ा ख़तरा मानते हुए राज्य ने पूरे क्षेत्र में दमन का मौजूदा दौर शुरू कर दिया. बिना किसी डर के, हर क्षेत्र में सैकड़ों लोगों ने आदिवासी दिवस समारोह में भाग लिया.

इन आंदोलनों में लोगों के बीच एकजुटता प्रदर्शित करने और एकता कायम करने के लिए परब, पदयात्राएँ, विरोध प्रदर्शन और संयुक्त कार्यक्रम आयोजित किए गए. विश्व आदिवासी दिवस का उत्सव इसी सामूहिक गतिविधि का भाग था.
इसे कॉर्पोरेट हित के लिए बड़ा ख़तरा मानते हुए राज्य ने पूरे क्षेत्र में दमन का मौजूदा दौर शुरू कर दिया. हर क्षेत्र में बेख़ौफ़ सैकड़ों लोगों ने विश्व आदिवासी दिवस समारोह में भाग लिया.

इस बार भी काशीपुर के लोगों ने उसी प्रकार का साहस और दृढ़ संकल्प दिखाया, जब माइथ्री इंफ्रास्ट्रक्चर एंड माइनिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (वेदांता, अदानी, हिंडेल्को और इस क्षेत्र की अन्य कंपनियों के लिए एक खदान विकसित करने वाली कंपनी) के अधिकारियों ने पुलिस बलों के साथ सिजिमाली क्षेत्र में ज़बरन प्रवेश करने का प्रयास किया था.
महिलाओं और पुरुषों ने जमकर उनका विरोध किया. बदले की कार्रवाई में, पुलिस ने लोगों के प्रतिरोध को तोड़ने के लिए मध्यरात्रि में छापेमारी शुरू की जिसके परिणामस्वरूप लोगों को लापता कर दिया गया और व्यापक स्तर पर गिरफ्तारियाँ की गईं.

कई लोगों को हाटों और सड़कों से उठाया गया। कई अन्य लोगों को या तो कई दिनों तक हिरासत में रखा गया या बाद में जेल भेज दिया गया.रायगढ़ा सब-जेल में लगभग 25 लोगों को कैद किया गया है.

ऐसी कई एफ़आईआर हैं जिनमें 100 से अधिक लोगों के नाम शामिल हैं. प्रथम सूचना रिपोर्ट में “अन्य” जोड़ दिए जाने से और अधिक गिरफ़्तारियों की गुंजाइश बनती है. कई युवा पुलिस से बचने के लिए जंगलों में छिप गये हैं. अलीगुना का एक व्यक्ति बचने के लिए छत से कूद गया, उसे पीठ में चोट आई है.
एमकेसीजी, बरहामपुर में उसका इलाज किया जा रहा है. कई अन्य घायलों को इलाज नहीं मिल पा रहा है क्योंकि उन्हें डर है कि गाँव से बाहर निकलने पर उन्हें गिरफ़्तार कर लिया जाएगा. कई अन्य लोग घायल हैं और इलाज पाने में असमर्थ हैं.
तीन गाँवों की महिलाओं ने रायगढ़ा जाकर जिला कलेक्टर से मुलाक़ात की और पुलिस तथा कंपनी के गुंडों की बेरहमी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया. उन्होंने पूछा “यहाँ पुलिस वास्तव में किसकी रक्षा कर रही है ,कंपनी की या सिजिमाली, कुटरुमाली, मांझीमाली के लोगों की?”

यह महज संयोग नहीं है कि राज्य और केंद्र में सत्तारूढ़ दलों बीजेडी और बीजेपी के साथ बॉक्साइट भंडार के अधिग्रहण में तेजी लाने के साथ सत्ता का दमन उग्र हो गया है. दोनों सत्तारूढ़ दल आगामी चुनावों के समय आंदोलकारी नेताओं और सक्रिय सदस्यों को सलाखों के पीछे डालकर इन आंदोलनों की आवाज़ को कुचलना चाहते हैं.
स्थानीय लोग बार-बार सभी लोकतांत्रिक और कानूनी तरीकों से प्रशासन से अपील और अनुसूचित क्षेत्रों से संबंधित कानूनों का सम्मान करने की माँग करते रहे हैं. उनके साथ बातचीत करने के बजाय, सत्ताधारियों ने प्राकृतिक संसाधनों के निर्विवाद कॉर्पोरेट लोभ और पूँजीवाद के अधिक मुनाफे के बेलगाम संचय को संतुष्ट करने के लिए व्यापक दमन और पुलिस हिंसा का सहारा लिया है.

अब समय आ गया है कि हम समझें कि ये लोग न केवल अपने डांगरों और पहाड़ों पर कॉर्पोरेट अतिक्रमण को रोककर अपने जीवन और आजीविका की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं, बल्कि वे हम सभी के लिए, पूरी मानवता के लिए उन पारिस्थितिक तंत्रों की रक्षा और शांति के लिए भी लड़ रहे हैं. ध्यान रहे कि वैश्विक बाज़ार में अस्त्र-शस्त्र उद्योग को एल्युमीनियम की सबसे ज़्यादा आवश्यकता पड़ती है.

इन्हीं हालातों के मद्देनज़र हम देश के सभी नागरिकों से अपील करते हैं:

• दक्षिणी उड़ीसा के संघर्षरत लोगों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करें!
• बीजेडी नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा पुलिस दमन के कायरतापूर्ण कृत्यों की निंदा करें.
• बीजेडी नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा नियमगिरि सुरक्षा समिति को माओवादी फ्रंटल संगठन के रूप में गलत तरीके से ब्रांड करने के प्रयासों का विरोध करें.
• राज्य और पूंजीवाद के खिलाफ संघर्ष को मजबूत करने के लिए समर्थन और एकजुटता प्रदान करें.
• आदिवासी क्षेत्रों में खनन प्रस्तावों और पट्टों को रद्द करने की माँग करें जो लोगों की स्वतंत्र, पूर्व और सूचित सहमति का उल्लंघन करते हैं.
• मानव आवासों और पारिस्थितिक तंत्रों की रक्षा के लिए पारिस्थितिक विनाश और उसके साथ होने वाले राजनीतिक अन्याय का विरोध करें.

हम सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि वे इस निर्मम दमन को तत्काल रोकने और कैद किए गए आंदोलनकारियों को तुरंत रिहा करने के लिए उड़ीसा के मुख्यमंत्री को फोन करें और / या ईमेल भेजें : +91-0674-2390902, [email protected], [email protected]

श्री वी.के. पांडियन, आईएएस, मुख्यमंत्री के निजी सचिव, उड़ीसा : +91-0674-2536762, 2322165 [email protected], [email protected]

अध्यक्ष, पीयूसीएल

कविता श्रीवास्तव
(+91-9351562965)

महासचिव, पीयूसीएल
वी सुरेश
(094-442-31497)

(जारी प्रेस रिलीज के आधार पर )

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Abhinav Kumar

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