छत्तीसगढ़ : आदिवासी इलाके में ड्रोन हमले की फैक्ट फाइंडिंग टीम को पुलिस ने नहीं जाने दिया
छत्तीसगढ़ में सुकमा और बीजापुर के कई गांव में हो रहे हवाई हमले और कैंप विरोधी आंदोलनों के बाद हुए पुलिसिया दमन के मामलों में ‘फैक्ट फाइंडिंग’ करने पहुंची टीम को पुलिस ने बीते गुरुवार 1 फरवरी को हिरासत में ले लिया।
दरअसल, कोर्डिनेशन ऑफ़ डेमोक्रेटिक राइट्स ऑर्गनाइजेशन के 25 सदस्यों की टीम 1 से 5 फरवरी तक हवाई हमले, कैंप आंदोलन और जबरन ज़मीन अधिकारण कर कैंप और सड़क निर्माण के मामले में जांच कर रिपोर्ट जारी करने के लिए गई हुई है।
उल्लेखीनय है कि बीते 11 जनवरी की सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक लगातार हवाई हमला किया गया था। पामेड़, किस्टाराम के सरहदी इलाकों में मेट्टागुड़ा, साकिलेर, रासापल्ली, कन्नेमर, बोतलंका समेत एर्रापाड़ गांवों में सैकड़ों बम गिराए गए थे।
इस हमले में पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) ने एक महिला सदस्य पोट्टम हुंगी के मारे जाने की बात कही गयी थी।
संगठन द्वारा जारी विज्ञप्ति से मिली जानकारी के मुताबिक, कोर्डिनेशन ऑफ़ डेमोक्रेटिक राइट्स ऑर्गनाइजेशन की टीम के कुछ सदस्यों को सुकमा के डोडाटोता नामक छोटे से शहर में दिनांक 1 फरवरी 2023 की दोपहर से पुलिस कैद में रखा गया है।
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संगठन का कहना है कि उन्होंने इस फैक्ट फाइंडिंग की सूचना सुकमा जिले के एसपी और बुरकापाल के डीएसपी को भी दी गई है। इसके बाद भी संगठन के सदस्यों को गैर कानूनी तौर से कैद किया गया है।
विज्ञप्ति में यह भी बताया गया है कि हिरासत में लिए गए सदस्यों को खुले टिन की छपरी में पुलिस और अर्ध सैनिक बलों की निगरानी में रखा गया है। इसके अलावा उनको कहीं आने-जाने की भी अनुमति नहीं दी जा रही है। यहां तक कि सही से खाना भी नहीं दिया जा रहा है।
संगठन का आरोप है कि उनके लोगों को जरूरी सुविधा ना मिल सके, इसलिए डोडाटोता टाउन को भी बंद करवा दिया गया है।
विज्ञप्ति में यह भी बताया गया है कि हिरासत में लिए गए सदस्यों को खुले टिन की छपरी में पुलिस और अर्ध सैनिक बलों की निगरानी में रखा गया है। इसके अलावा उनको कहीं आने-जाने की भी अनुमति नहीं दी जा रही है। यहां तक कि सही से खाना भी नहीं दिया जा रहा है।
संगठन का आरोप है कि उनके लोगों को जरूरी सुविधा ना मिल सके, इसलिए डोडाटोता टाउन को भी बंद करवा दिया गया है।
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