महीनेभर बाद हड़ताल से लौटे संविदाकर्मी, सरकार ने मानी वेतन बढ़ोतरी की मांग
छत्तीसगढ़ में पिछले एक महीने से जारी संविदा कर्मचारियों ने सरकारी आश्वासन के बाद अपनी हड़ताल वापस ले ली है. मालूम हो की नियमतिकरण की मांग को लेकर संविदा कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे.
माना जा रहा है की सरकारी अल्टीमेटम के बाद कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल वापस ली है ,लेकिन कर्मचारी संघ का कहना है की सरकार ने उनकी वेतन बढ़ोतरी मांग को स्वीकार किया है और नियमतिकरण के मुद्दे पर भी बात करने को तैयार है.
दरअसल 3 जुलाई से 45 हज़ार की संख्या में सर्व विभागीय संविदा कर्मचारियों ने काम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने की घोषणा कर दी थी.इस दौरान वो न्य रायपुर के धरना स्थल तूता में एक महीने तक जमे रहे.
कर्मचारियों ने बुधवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया की “संविदा कर्मचारियों के दर्द, पीड़ा और मांग को शासन तक पहुंचने में हम सफल रहे हैं.हमे आशा नहीं ही नहीं बल्कि पूरा विश्वास हैं की हम जिन मांगों को लेकर आंदोलनरत थे ,वे सभी मांगें आने वाले दिनों में जरूर पूरी होंगी”.
सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने मिडिया से बात करते हुए बताया की “सरकार ने हमारी मांगो को लेकर आश्वासन दिया है.छत्तीसगढ़ के 3 करोड़ जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए हम अपने इस आंदोलन को वापस लेने का ऐलान करते है”.
गौरतलब है की हड़ताल स्थगित करने की सूचना आने के ठीक बाद सरकार ने कर्मचारियों के वेतन बृद्धि का आदेश जारी कर दिया है. राज्य सरकार की तरफ से बताया गया है की शासकीय कर्मियों के महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा में वृद्धि के साथ ही संविदा कर्मचारियों के वेतन में भी एकमुश्त वृद्धि के आदेश वित्त विभाग द्वारा जारी कर दिए गए है.
मालूम हो की कर्मचारियों के इस आंदोलन से ग्राउंड स्तर पर सरकारी कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ था.इसको लेकर शासन की तरफ से कई बार कर्मचारियों को हड़ताल वापस लेने के लिए कहा गया था.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मानसून सत्र में 37 हज़ार कर्मचारियों की सैलरी 27 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की थी. इसके बाद कर्मचारियों पर एस्मा तक कर्मचारियों पर लगाया गया.लेकिन कर्मचारी हड़ताल पर अड़े रहे.
वही 2 दिन पहले बीजापुर के 211 स्वास्थ्य कर्मचारियों को बर्खास्त करने के बाद अब कर्मचारियों ने हड़ताल वापस लिया है.
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