ऐप से लोन लेकर फंसे मजदूर ने परिवार सहित की घर में खुदकुशी
इंदौर में मंगलवार शाम बाणगंगा थाना इलाके में दिल दहला देने वाली घटना सामने आयी है। यहां एक ही घर में एक दम्पति और उनके दो मासूम बच्चों के शव मिलने से सनसनी फ़ैल गई।
यह शव अमित यादव, उनकी पत्नी टीना यादव उनके बच्चे याना और दिव्यांश के थे। अमित टेलीकॉम कम्पनी में काम करते थे।
पुलिस को मौके से सुसाइड नोट मिला है। पुलिस अधिकारी द्वारा बरामद किये गए सुसाइड नोट में मोबाइल ऐप से लिए गए लोन को न चुका पाने की परेशान के बारे में लिखा हैं।
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पुलिस अधिकारी DSP धर्मेंद्र भदौरिया के मुताबिक अमित एक दिन पहले उज्जैन महाकाल मंदिर के दर्शन और शाही सवारी में शामिल होने गया था।
धर्मेंद्र भदौरिया ने आशंका जताई है कि अमित ने अपने दो बच्चों सहित पत्नी को जहरीला पदार्थ देकर पहले मौत के घाट उतार दिया। उसके बाद फांसी के फंदे पर झूल गया।
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मंगलवार दोपहर एक फोन कॉल से माध्यम से पुलिस को परिवार के साथ अनहोनी की जानकारी मिली। जिसके बाद पुलिस के अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे।
उनका कहना है कि जिस माकन में से एक परवर के 4 लोगों के शव बरामद किये गए हैं उसका दरवाजा अंदर से बंद था। पुलिस ने दरवाज़े को तोड़ कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
कर्ज से था परेशान
मूल रूप से सागर के रहने वाले अमित यादव ने अपने पूरे परिवार सहित खुद को खत्म कर लिया। अमित यादव ने लॉकडाउन से पहले 4 अलग-अलग कंपनियों के मोबाइल एप से 3 लाख का पर्सनल लोन लिया था।
वक्त पर नहीं चुकाने पर लोन रिकवरी वाले उससे हर हफ्ते Rs 3,000 पेनल्टी वसूल रहे थे। बैंक से भी रिकवरी के लिए निरंतर फोन आ रहे थे।
उल्लेखनीय है कि ऐप से लोन का धंधा जोरों पर है और कोविड लाकडाउन के दौरान बड़े पैमाने पर नौकरियां जाने के बाद संकट में फंसे मजदूर वर्ग ऐप से लोन लेकर बड़े पैमाने पर मुसीबत झेल रहे हैं।
ये भी पता चला है कि ये ऐप कंपनियां लोगों से उनके करीबियों के नंबर मांगती हैं और लोन न लौटाने पर धमकी दी जाती है और अश्लील तस्वीरें वायरल करने की धमकी दी जाती है।
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