केरल में अडानी ग्रुप के सीपोर्ट प्रोजेक्ट के समर्थन में साथ आए माकपा और भाजपा, मछुआरों का आंदोलन जारी
अडानी समूह की विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह परियोजना के खिलाफ मछुआरे लगातार आंदोलन कर रहे हैं। मछुआरों ने इसे अपने जीवन और आजीविका के लिए खतरा बताया है।
वहीं, दूसरी ओर इस प्रोजेक्ट ने केरल में माकपा और भाजपा को एक साथ ला दिया है।
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दोनों पार्टियों के जिला नेताओं ने मंगलवार को सेव विझिंजम पोर्ट एक्शन काउंसिल द्वारा सचिवालय तक निकाले गए लॉन्ग मार्च में हिस्सा लिया। यहां तक कि स्थानीय कांग्रेसी नेताओं ने भी मार्च में हिस्सा लिया।
एकसाथ किया मार्च
इंडियन एक्सप्रेस से मिली जानकारी के मुताबिक सेव विझिंजम पोर्ट एक्शन काउंसिल के बैनर तले मंगलवार को सचिवालय की ओर मार्च आयोजित हुआ। इस मार्च में केरल की सत्ताधारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता एकसाथ नजर आए।
माकपा जिला सचिव अनवूर नागप्पन और भाजपा जिलाध्यक्ष वी वी राजेश ने सचिवालय के सामने मार्च को संबोधित किया जबकि हजारों ने इसमें भाग लिया।
Arch rivals BJP & Left came together in a show of strength to back Adani port project at Vizhinjam.
While fisherfolk have demanded immediate stopping of any works at the port, the Save Vizhinjam port counter-protest saw BJP & Left leaders united.
Watch: https://t.co/Nm9pU4QTQU pic.twitter.com/K1ejlve1Ez
— South First (@TheSouthfirst) November 2, 2022
भाजपा ने किया परियोजना को सहयोग देने का वादा: इस दौरान सीपीएम जिला सचिव अनवूर नागप्पन ने कहा, “प्रदर्शनकारियों को एक ऐसा समूह नियंत्रित कर रहा है जिसका उल्टा मकसद है। उनके निहित स्वार्थ हैं और इसलिए सरकार उनकी मांगों पर सहमति जताने के बाद भी वे आंदोलन जारी रखे हुए हैं। सीपीएम लोगों के समूह को हर संभव सहायता प्रदान करेगी।”
वहीं, दूसरी ओर भाजपा जिलाध्यक्ष वी वी राजेश ने कहा, “केंद्र और राज्य सरकारें जल्द से जल्द निर्माण पूरा करने के प्रयास कर रही हैं। आंदोलन, योजना को बंद करवाने का एक प्रयास है। भाजपा इस परियोजना को पूरा सहयोग देगी।”
मछुआरों का भारी विरोध
वहीं, सीपीएम को मछुआरों के भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। सीपीएम की ओर से प्रदर्शनकारियों के साथ कई दौर की बातचीत की जा चुकी है जो बेनतीजा रही।
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सीपीएम की ओर से कई बार प्रदर्शनकारियों से विरोध-प्रदर्शन करने की अपील की जा चुकी है जो बेअसर रहा। एलडीएफ सरकार प्रदर्शनकारियों की कुछ मांगों पर विचार करने के लिए तैयार हो गई थी, लेकिन निर्माण रोकने से इनकार कर दिया।
केरल हाई कोर्ट ने निर्देश दिया था कि किसी भी विरोध से निर्माण कार्य प्रभावित नहीं होना चाहिए। गौरतलब है कि विझिंजम पोर्ट एक्शन काउंसिल एक ऐसा समूह है जिसमें विझिंजम और आसपास के नागरिक शामिल हैं।
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