बेंगलुरू में कोरोना विस्फ़ोट के बावजूद सफ़ाई कर्मचारियों को मास्क तक नहीं मिले
बृहत बेंगलुरू महानगर पालिका (बीबीएमपी) के सफाई कर्मियों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों से मांगने के बावजूद उन्हें पर्याप्त सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जा रहे हैं।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बीबीएमपी पूर्णकार्मिक संघ ने कहा, ‘बेंगलुरु में दो लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं। उनके और होम आइसोलेशन में रहने लोगों के मेडिकल वेस्टेज का निस्तारण हमारे लिए बड़ी चुनौती है, यह काफी गंभीर स्थिति है।
उसने कहा कि पिछले साल से बार-बार मांगने के बावजूद हमें मास्क और ग्लवस उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। संघ के अध्यक्ष निर्मला एम के मुताबिक, कोरोना वायरस के दूसरी लहर के प्रकोप के बाद हमारे वर्कर बेहद खतरनाक स्थिति में काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘यह ध्यान में रखना जरूरी है कि वर्करों का इस महामारी के दौरान काम करते रहना बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसीलिए बीबीएमपी शहर को साफ करने में प्रशासन के साथ है लेकिन हमारे वर्कर भी संक्रमण का शिकार हो सकते हैं और इसलिए उनकी सुरक्षा आवश्यक है।’
वार्ड नंबर 55 में काम करने वाले रतन के मुताबिक, सफाई कर्मियों को हाजिरी केंद्रों तक पहुंचने के लिए ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी नहीं दी जा रही है। इन केंद्रों पर टाॅयलेट, साबुन, पानी, सैनीटाइजर्स आदि का कोई इंतजाम नहीं है।
संघ ने बीबीएमपी के मुख्य कमिश्नर, स्पेशल कमिश्नर और स्वस्थ्य सेवा के संयुक्त कमिश्नर को पत्र लिखकर मांग की है कि लाॅकडाउन के दौरान सफाई कर्मियों के हाजिरी केंद्र तक पहुंचने के लिए ट्रांसपोर्ट का इंतजाम किया जाए।
उन्होंने अपने डेली चेकअप, सैलरी के साथ सिक लीव, रिस्क अलाउंस और कोरोना पाॅजिटिव पए जाने पर क्वारंटीन सुविधा की भी मांग की है।
सफाई कर्मियों ने यह भी मांग की है कि बीबीएमपी, साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के तहत लोगों को आदेश जारी करें कि वे घरों के कूड़े को मेडिकल वेस्ट के साथ न मिलाएं क्योंकि इसे अलग करने में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
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