मटका छूने पर दलित बच्चे की टीचर ने ऐसी की पिटाई कि हुई मौत
By भंवर मेघवंशी
राजस्थान के जालौर में एक दलित छात्र द्वारा मटकी को छूना उसकी मौत की वजह बन गई। मटकी छूने पर शिक्षक ने उसे इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने आरोपी शिक्षक को हिरासत में लिया है। जालौर एसपी और आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। बच्चे का अहमदाबाद अस्पताल में इलाज चल रहा था। इससे पहले उदयपुर में भी बच्चे का इलाज कराया गया था। घटना जालौर जिले के सायला थाना क्षेत्र के सुराणा गांव की है।
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शिक्षा के तथाकथित मंदिर ही जातिगत भेदभाव और अत्याचार के अड्डे बन गये हैं।
जालोर जिले के सुराणा में 20 जुलाई को तीसरी कक्षा के छात्र इंद्र मेघवाल द्वारा पानी का मटका छू लेने पर अध्यापक छैल सिंह द्वारा इतनी पिटाई की गई कि वह गंभीर रूप से घायल हो गया, बच्चे को उपचार हेतु अहमदाबाद में एडमिट कराया गया था, जहां उपचार के दौरान आज 13 अगस्त को सुबह 11 बजे इंद्र की डेथ हो गई.मुक़दमा दर्ज हुआ है।
आख़िर यह सब कब तक चलेगा? एक मासूम बच्चे ने मटकी छू ली तो क्या पहाड़ टूट पड़ा, कौन सा धर्म ख़तरे में आ गया, इतने बर्बर, हत्यारे जाति अंध लोग जिस देश में शिक्षक हो, वे क्या पढ़ायेंगे। ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिये। हिंदी भाषी गोबर पट्टी का शिक्षा का पूरा ढाँचा भयंकर सांप्रदायिक और जातिवादी है,ये समानता नहीं भेदभाव सिखा रहे है और मर्डर कर रहे हैं।
देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। वही दूसरी तरफ पानी के मटके को छूने पर इतना पीटा गया कि जान ही चली गयी।
आजादी के 75 साल बाद भी 9 साल के दलित बच्चे को जालोर मे जातिवाद का शिकार होना पड़ा। हमे पानी के मटके को छूने की भी आजादी नही! फिर क्यों आजादी का झूठा ढिंढोरा पीट रहे है? pic.twitter.com/OeOnVQjSAV
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) August 13, 2022
हत्यारी और जातिवादी मानसिकता के शिक्षकों को शिक्षण कार्य से बाहर किया जाना चाहिए,गिरफ़्तारी हो और त्वरित क़ानूनी प्रक्रिया पूरी करके कठोर सज़ा दी जानी चाहिये। परिजनों को मुआवज़ा मिले और स्कूल सिस्टम भेदभाव मुक्त बने, शैक्षणिक जगत सुरक्षित और गरिमामय वातावरण बने, यह ज़रूरी है।
पिता का आरोप है कि 20 जुलाई को तीसरी कक्षा में बढ़ने वाले उनके 9 साल के बेटे इंद्र मेघवाल ने पानी की मटकी को छू ली थी। इसके बाद टीचर छैल सिंह ने इतनी पिटाई की थी कि उसकी हालत गंभीर हो गई। पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट में मामला दर्ज किया है।
उस मटकी से सिर्फ टीचर पानी पीते थे
बच्चे के पिता देवाराम ने बताया कि स्कूल में जातिवाद के नाम पर मेरे बेटे की पिटाई की गई। सामान्य दिनों की तरह 20 जुलाई को भी इंद्र स्कूल गया था। सुबह करीब साढ़े दस बजे उसे प्यास लगी। उसने स्कूल में रखी मटकी से पानी पी लिया। उसे नहीं पता था कि यह मटकी स्कूल के टीचर छैल सिंह के लिए रखी गई है। इससे सिर्फ छैल सिंह ही पानी पीते हैं।
छैल सिंह ने इंद्र को बुलाया और जमकर पीटा। इतना पीटा की उसकी दाहिनी आंख और कान पर अंदरुनी चोटें आईं। छैल सिंह ने जातिसूचक शब्दों का भी प्रयोग किया। पहले तो लगा कि हल्की चोट आई है, लेकिन ऐसा नहीं था। पिटाई के बाद इंद्र की तबीयत खराब होने लगी तो उसे जालोर डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ले गए।
जालोर से उसी दिन उदयपुर रेफर कर दिया गया था। यहां भी तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो कुछ दिनों बाद अहमदाबाद ले गए थे। यहां इलाज के दौरान शनिवार सुबह करीब 11 बजे मौत हो गई।
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