जेएनयू में सफ़ाई कर्मचारियों को नहीं मिला 4 माह से वेतन, मांगों को लेकर गए हड़ताल पर
देश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में सफ़ाई कर्मचारी बीते चार महीने के वेतन बकाए की मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं।
एक्टू की जेएनयू अध्यक्ष उर्मिला चौहान का कहना है कि जेएनयू सेंट्रल लाइब्रेरी के सभी 23 सफाई कर्मचारियों का चार महीने से वेतन नहीं मिला है। वेतन न मिलने से ये सफाई कर्मचारी कई समस्याओं से घिर गए हैं।
ये सभी सफ़ाई कर्मचारी कांट्रेक्टर मैक्स मेंटेनेंस के हवाले से यहां काम कर रहे हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि जिस किराए के मकान में वे रहते हैं, उसका किराया भी दे पाना मुश्किल हो रहा है, जिसके चलते कुछ मकान मालिकों ने कर्मचारियों का सामान रख लिया है।
उर्मिला चौहान का कहना है कि कुछ मकान मालिकों ने हाथापाई कर घर से निकाल दिया और ऐसे कर्मचारी अपने बच्चों के साथ सड़कों पर रहने को मजबूर हो गए हैं।
कर्मचारियों ने बताया “हमारे पास खाने के लिए पैसे नहीं है, हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं उनकी स्कूल फीस भर नहीं पा रहे हैं। घर में बूढ़े माँ-बाप हैं जिन्हें दवाओं की ज़रूरत पड़ती है और पैसे न रहने की वजह से दवाएं तक नहीं खरीद पा रहे।15 मार्च हो गया हैं और हम अब सारी जगहों पर गुहार लगा कर थक गए हैं।”
ये कर्मचारी समाज के सबसे कमजोर वर्ग दलित समाज से आते हैं। जेएनयू परिसर में ठेका कर्मचारियों की स्थिति सबसे दयनीय है। बिना वेतन का काम बंधुआ मजदूरी के समान है और मानव अधिकारों का उल्लंघन है।
उर्मिला चौहान का कहना है कि यह आश्चर्य जनक है की जे एन यू जैसे विश्व प्रतिष्ठित विश्विद्यालय में महत्वपूर्ण सेवा देने वाले कर्मचारियों का वेतन 4-4 महीने से नहीं दिया जा रहा है।