Hathras Rape: परिजन गिड़गिड़ाते रहे और यूपी पुलिस ने पीड़िता का शव गांव के बाहर जलाया
हाथरस की दलित लड़की के बलात्कार और जानलेवा हमले के बाद यूपी पुलिस की निर्ममता सामने आई है। लड़की के शव को पुलिस रातों रात हाथरस उसके गांव ले जाया गया।
रात के अंधेरे में पौने तीन बजे पुलिस ने गांव के बाहर शव को जला दिया। लड़की के परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन उन्हें उनके घर में ही बंद कर दिया गया।
परिजनों को ही नहीं, बल्कि इतनी रात में गांव पहुंचे पत्रकारों को जलते हुए शव के पास जाने तक नहीं दिया गया। पत्रकारों और गांव वालों को वहां जाने से रोकने के लिए मौजूद पुलिस लगातार यही रट लगाती रही कि उसे नहीं पता वहां किसकी चिता जल रही है।
हाथरस में उच्च जाति के दबंग युवकों द्वारा 14 सितम्बर को दलित लड़की के रेप और कातिलाना हमले के बाद बुधवार को दिल्ली के सफ़दर गंज अस्पताल में मौत हो गई।
यूपी सरकार और प्रशासन ने घरवालों की इच्छा के विरुद्ध उस दलित लड़की के मृत शरीर का खुद दाहसंस्कार कर दिया।
- दलित-आदिवासी-मुस्लिम होना पर्याप्त है, जेल जाने और बिना सजा के सड़ने के लिए
- दलित बच्ची से दुष्कर्म के विरोध पर पंजाब खेत मजदूर यूनियन नेता लक्ष्मण सिंह सेवेवाला गिरफ्तार
बुधवार को जब पीड़िता की मौत की ख़बर पूरे देश में आग की तरह फैली तो शाम को पता चला कि सफदरजंग अस्पताल से डेडबॉडी गायब हो गई।
एक वीडियो सामने आया है जिसे पीड़िता के शव को हाथरस ले जाने वाला दावा किया जा रहा है।
पीड़िता के परिजन इस बात पर अड़े रहे कि वो पूरे रीति रिवाज़ों के साथ अपनी बच्ची का दाहसंस्कार करना चाहते हैं लेकिन यूपी पुलिस के अधिकारी नहीं मान रहे।
ऐसा लगता है कि बलात्कारियों को बचाने के लिए यूपी पुलिस का पूरा अमला लगा हुआ है। मौत की ख़बर आते ही हाथरस जिलाधिकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताते हैं कि पीड़िता की जीभ नहीं काटी गई थी।
इस घटना से आक्रोशित लोगों को लगता है कि पुलिस पूरी तरह बलात्कारियों का पक्ष ले रही है क्योंकि वो ठाकुर जाति से संबंध रखते हैं। कई लोगों को ये भी लगता है कि रिपोर्ट में साबित कर दिया जाएगा कि गैंगरेप भी नहीं हुआ और आरोपी बेदाग़ बरी हो जाएंगे।
(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)