एचएंडएम की फैक्टरी में दलित महिला मज़दूर की मौत, कंपनी पर हत्या का आरोप
एचएंडएम सप्लाई फैक्टरी में मजदूर की महीनों की उत्पीड़न के बाद मौत, परिवार का दावा।
मशहूर फैशन ब्रांड एचएडंएम (H&M) के एक सप्लाई फैक्टरी में एक महिला मज़दूर की मौत के बाद उसके परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि उसकी हत्या की गई है।
परिवार का कहना है कि 20 वर्षिय जयश्री काथिरावेल का महीनों से फैक्टरी में यौन शोषण किया जा रहा था और लगातार धमकी दी जा रही थी।
जयश्री तमिलनाडु में एचएंडएम की सप्लायर कंपनी नाची में कपड़ों के चेकर के तौर पर कार्यरत थी।
जयश्री की हत्या का आरोप फैक्टरी में ही सुपरवाइजर के पद पर काम कर रहे एक व्यक्ति पर लगाया गया है।
वही फैशन ब्रांड एचएंडएम ने कहा कि वह तमिलनाडु के कैथियन कोट्टई में एचएंडएम सप्लायर नाची एपैरल्स में 20 वर्षीय दलित मज़दूर जयश्री काथिरावेल की हत्या की स्वतंत्र जांच शुरू कर रहा है, जो 5 जनवरी को अपने घर के पास मृत पाई गई थी।
पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, नाची एपैरल्स में सुपरवाइजर के तौर पर काम करने वाले एक शख्स ने कथित तौर पर कबूल किया है कि उसने जयश्री की अपहरण के बाद हत्या कर दी थी।
वही जयश्री के परिजनों का आरोप है कि उसके साथ भी दुष्कर्म किया गया और वह फॉरेंसिक रिपोर्ट के परिणाम का इंतजार कर रहे है।
एक स्थानीय संगठन तमिलनाडु टेक्सटाइल एंड कॉमन लेबर यूनियन (टीटीसीयू) ने नाची एपैरल्स में महिला मज़दूरों का प्रतिनिधित्व करते हुए दावा किया है कि जयश्री ने कार्यस्थल पर उत्पीड़न और धमकियों की रिपोर्ट करने का प्रयास किया था, लेकिन कंपनी ने उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। संगठन ने यह भी आरोप लगाया की फैक्टरी में महिला मज़दूरों का भयानक शोषण किया जाता है।
टीटीसीयू की राज्य अध्यक्ष थिव्या राकिनी ने कहा, उनके परिवार और सहकर्मियों ने हमें बताया है कि जयश्री को काम पर लगातार परेशान किया जा रहा था और उसने प्रबंधन से इसकी शिकायत भी की थी लेकिन उसकी शिकायत को हर बार अनसुना कर दिया जाता था।
जयश्री के सहकर्मियों ने बताया की फैक्टरी में इस तरह के अपराध आम है लेकिन मज़दूर नौकरी खोने के डर से या जवाबी कारवाई के कारण कही शिकायत करने से डरते है।
इस कारखाने का स्वामित्व भारत की चौथी सबसे बड़ी गारमेंट एक्सपोर्ट कंपनी ईस्टमैन एक्सपोर्ट्स के पास है, जो एचएंडएम और अन्य पश्चिमी ब्रांडों के लिए एक बड़ा आपूर्तिकर्ता है ।
पीड़िता की मां मुथुलक्ष्मी काथिरावेल ने कहा, ” उनकी बेटी ने अपने पढ़ाई के दम पर ये नौकरी पाई। वह बहुत मेहनत करती थी, उसने मुझे बताया कि उसे काम पर प्रताड़ित किया जा रहा है ।हम इंसाफ चाहते है,हम नही चाहते कि अन्य लोगों की बेटियों को भी यही हश्र झेलना पड़े।”
एचएंडएम ने कहा कि उसकी आपूर्ति कंपनियों में लिंग आधारित हिंसा के लिए कोई जगह नही है।
कंपनी ने कहा है कि “वह ईस्टमैन निर्यात में उत्पीड़न की इन कथित घटनाओं की किसी स्वतंत्र तीसरे पक्ष से जांच कराई जायेगी और तमिलनाडु में अपने कारखानों में कामगारों की सुरक्षा में सुधार के लिए काम कर रहा है।”
अंतरराष्ट्रीय श्रम अधिकारों के समूह एशिया फ्लोर वेज एलायंस (AFWA) और ग्लाबोल लेबर जस्टिस-इंटरनेशनल लेबर राइट्स फोरम (GLJ-ILRF) का दावा है कि एचएंडएम लिंग आधारित हिंसा पर अपने आचार संहिता को लागू कराने में पूरी तरह से विफल है,जयश्री की हत्या ने उसके सारे दावों कि पोल खोल दी है और यह घटना यह बताने के लिये काफी है कि उसकी आपूर्तिकर्ता फैक्टरी में महिलाएं किस तरह काम करने को विवश हैँ।
समूह ने इस बात को लेकर भी एचएंडएम की आलोचना कि कैसे जयश्री कि हत्या के बाद ईस्टमैन एक्सपोर्ट्स प्रबंधकों द्वारा कथित तौर पर उसके परिवार को धमकी देने के मामले में भी कोई कारवाई नही की।
परिवार वालों ने भी आरोप लगाया कि एचएडंएम के सप्लायर कंपनी ने जयश्री की हत्या के बाद उन पर आर्थिक मुआवजा स्वीकार करने और कंपनी को इस मामले से रिहा करने वाले दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया।
परिवार का दावा है कि 29 जनवरी को ईस्टमैन एक्सपोर्ट्स के मैनेजर्स उनके गांव में 50 पुरुषों की भीड़ लेकर आए और मांग की कि वे 5000 रुपये का चेक स्वीकार करें और उन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करें जो उन्होंने नहीं पढ़े थे।
इस घटना का एक वीडियो भी हैं जिसमें काथिरावेल के परिवार और टीटीसीयू की महिलाओं पर कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए उन पर चिल्लाने वाले पुरुषों की एक बड़ी भीड़ से घिरा हुआ देखा जा सकता है।
वही ईस्टमैन एक्सपोर्ट्स ने अपने एक बयान में कहा कि” परिवार के घर जाने का इरादा पीड़िता की मां को ‘ इस मुश्किल समय ‘ में वित्तीय मदद देने का था।”
ईस्टमैन एक्सपोर्ट्स ने यह भी कहा कि लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ उनके यहां सख्त नियम है और उनके यहां इस तरह की शिकायतों के लिए विश्वसनीय आंतरिक शिकायत प्रक्रियाएं हैं। हमने जांच कि है और फैक्टरी को काथिरावेल से उत्पीड़न की कोई रिपोर्ट नहीं मिली थी और एक स्थानीय गैर सरकारी संगठन की जांच में यह निष्कर्ष निकाला गया था कि कथिरवेल और उसकी हत्या के आरोपी व्यक्ति से उनके संबंध थे और परिवार ने उसकी मौत के लिए फैक्टरी को जिम्मेदार नहीं ठहराया ।
अंतर्राष्ट्रीय श्रम समूहों ने कहा कि एचएंडएम को एक विदेशी खरीदार के रूप में अपनी शक्ति का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए करना चाहिए कि ईस्टमैन निर्यात कारखानों और उसकी सभी आपूर्तिकर्ता फैक्टरियों में किसी भी लिंग आधारित हिंसा को समाप्त किया जाए।
ग्लाबोल लेबर जस्टिस-इंटरनेशनल लेबर राइट्स फोरम (GLJ-ILRF) की कार्यकारी निदेशक रोसेनबाम ने कहा कि 2018 में जीएलजे-आईएलआरएफ की एक रिपोर्ट में एचएंडएम की आपूर्तिकर्ता कंपनियों में लिंग आधारित हिंसा के कई मामलों का पर्दाफाश किया गया था लेकिन इसके बाद भी एचएड़एम ने किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नही दी थी।
(द गार्डियन की खबर से साभार)
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