दिल्ली: DNF ने किया 16 नवंबर को आकस्मिक अवकाश पर जाने का ऐलान, क्या होगा मरीज़ों का हाल!
दिल्ली में नर्सों की तीन दिनों तक चली हड़ताल के अंतिम दिन यानि आज दिल्ली नर्स फेडरेशन (DNF) ने 16 नवंबर को सामूहिक आकस्मिक अवकाश (Mass casual leave) जाने का ऐलान किया है।
दिल्ली सरकार द्वारा संचालित विभिन्न अस्पतालों की नर्सें ने अपनी सेवाओं को नियमित करने और काफी समय से लंबित पदोन्नति देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को हड़ताल शुरू कर थी।
ये भी पढ़ें-
- दिल्ली में केजरीवाल ठेका मज़दूरों को क्यों नहीं कर रहे परमानेंट?
- दिल्ली में ठेका सफाई कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी, स्थाई काम की कर रहे हैं मांग
दिल्ली नर्स फेडरेशन (DNF) के महासचिव लीलाधर रामचंदानी ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि आगामी 16 नवंबर को अस्पतालों में नर्सों द्वारा दी जाने वाली सभी सेवाएं पूरी तरह से बाधित रहेंगी।
उस दिन आपातकालीन और आईसीयू में भी नर्सों द्वारा सेवा नहीं दी जाएगी।
@ArvindKejriwal Even after Symbolic 3 days protest of DNF throughout the hospitals of GNCTD. insensitive attitude of Govt. towards Nurses and Patient continues.
Nurses forced to MASS casual leave on 16 Nov
Indefinite Strike W.E.F. 30 Nov 2#Post Creation mean better patient care. https://t.co/PxnviLOrrG— Delhi Nurses Federation (DNF) (@DNFDelhi) November 4, 2022
उनका कहना है कि दिल्ली सरकार अपने चुनावी वादों को भूल चुकी है। जिसके कारण फेडरेशन को मज़बूरन इस तरह का कदम उठाना पड़ रहा है।
नर्सिंग स्टाफ की संख्या में कमी
रामचंदानी ने कहा कि दिल्ली के अन्य सरकारी अस्पताल, मसलन एलएनजेपी अस्पताल, जीबी पंत अस्पताल, डीडीयू अस्पताल, जीटीबी अस्पताल, बीएसए अस्पताल, डॉ. हेडगेवार अस्पताल और एसजीएम अस्पताल भी सामूहिक आकस्मिक अवकाश का हिस्सा रहेंगे।
उन्होंने बताया कि दिल्ली में नर्सों के 8,000 स्वीकृत पद हैं, लेकिन 6,000 नर्सें ही काम कर रही हैं।
रामचंदानी ने दावा किया कि, तीन नए अस्पताल बने हैं और अन्य सरकारी अस्पतालों के कर्मचारियों को वहां भेज दिया गया है। बिस्तर तो बढ़ा दिए गए हैं, लेकिन नर्सिंग स्टाफ की संख्या में वृद्धि नहीं की गई है।”
ज्ञात हो कि 2 नवंबर से 4 नवंबर तक चली नर्सों की आकस्मिक हड़ताल के दौरन आपातकालीन और आईसीयू सेवाएं प्रभावित नहीं हुई थी। क्योंकि कुछ नर्सें इन दोनों सेवाओं के लिए काम कर रहीं थीं। इस दौरन केवल दो घंटों के लिए ओपीडी सेवाएं और वार्ड प्रभावित हुए थे।
https://twitter.com/singhpiya735/status/1587685556427030529
मंगलवार को डीएनएफ ने ट्वीट किया था, “अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार के स्वास्थ्य सचिव और स्वास्थ्य मंत्री नर्सों की समस्या को लेकर गंभीर नहीं हैं। इसलिए एक सांकेतिक हड़ताल की जाएगी। ”
संगठन ने कहा था कि, हड़ताल के दौरान मरीजों को होने वाली असुविधा और कठिनाइयों के लिए हम माफी चाहते हैं।
लेकिन आप सरकार के रवैये को देखते हुए DNF ने एक दिन के लिए पूरी तरह से काम बंद करने का ऐलान किया है।
पहले भी किये हैं प्रदर्शन
गौरतलब है कि डीएनएफ ने हाल ही में अपनी मांगों को लेकर दिल्ली सचिवालय तक मार्च निकाला था, जिसमें सेवाओं को नियमित करना, काफी समय से लंबित पदोन्नति देना और नए पदों का सृजन करना अन्य मांगे भी शामिल थी।
इतना ही नहीं दिल्ली एम्स यानी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के नर्सिंग स्टाफ यूनियन ने संघ के अध्यक्ष हरीश काजला को निलंबित किए जाने के फैसले के खिलाफ AIMS की नर्सों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया था। लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद सुबह शुरू की गयी हड़ताल को दोपहर तक वापस ले ली था।
ये भी पढ़ें-
- दिल्ली में 6667 सफाई कर्मियों को परमानेंट करने की मांग, ज्ञापन सौंपा
- दिल्ली में 72 दिन से प्रदर्शन कर रहे लेडी हार्डिंग के सफाई कर्मचारी, पुलिस अब विरोध भी नहीं करने दे रही
दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों और एजेंसियों में ठेका योजनाओं के तहत डॉक्टरों, नर्सों, शिक्षकों, सफाई कर्मचारियों सहित लगभग एक लाख कर्मचारी काम कर रहे हैं।
‘आप’ ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इन कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने का वादा किया था। लेकिन उन्होंने अभी तक इसे पूरा नहीं किया है।
वर्कर्स यूनिटी को सपोर्ट करने के लिए सब्स्क्रिप्शन ज़रूर लें- यहां क्लिक करें
(वर्कर्स यूनिटी के फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर सकते हैं। टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें। मोबाइल पर सीधे और आसानी से पढ़ने के लिए ऐप डाउनलोड करें।)