डेल्टा मज़दूरों ने किया खाने का बहिष्कार, फिर भी नहीं बदला प्रबंधन का रुख
डेल्टा इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, पंतनगर के मज़दूर माँगपत्र पर सर्वमान्य समझौते के लिए विगत एक साल से संघर्षरत हैं। अभी शांतिपूर्ण विरोध के साथ मज़दूर खाना बहिष्कार के साथ भूखे रहकर प्लांट में कार्य कर रहे हैं, लेकिन प्रबंधन की हठधर्मिता कायम है।
उल्लेखनीय है कि डेल्टा इम्पालाइज यूनियन ने 30/11/2021 को नए समझौते के लिए अपना माँगपत्र दिया था। लगातार प्रयासों के बावजूद प्रबंधन के अड़ियलपन के कारण यूनियन ने बीते 7 अक्टूबर से विरोध कार्यक्रम शुरू किया। इसके बाद 13 अक्टूबर से पूरी यूनियन कार्यकारिणी और दीवाली अवकाश के बाद से समस्त श्रमिक भूखे रहकर कार्य करने को मजबूर हैं। इस दौरान कई दौर की द्विपक्षीय व त्रिपक्षीय वरताएं हुईं लेकिन बेनतीजा रहीं।
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यूनियन अध्यक्ष के एन झा ने कहा कि प्रबंधक की हठधर्मिता के कारण मांगपत्र पर निर्णायक समझौता वार्ता नहीं हो पाया है और दोषारोपण करते हुए मनगढ़ंत साजिश के तहत प्रबंधन की तरफ से यूनियन नेतृत्व को दिशाहीन और विवेकशून्य होने का बेजा आरोप लगाया जा रहा है जबकि यूनियन लगातार लचीलेपन के साथ प्रयासरत है।
महामंत्री बिद्या सागर ने कहा कि प्रबंधन द्वारा श्रमिकों को पानी-पेशाब करने के लिए भी सांप्रदायिक सौहार्द को ठेस पहुंचाने वाले शब्दों का इस्तेमाल कर रोका गया था।
अपने मकसद को पूरा करने के नियत से श्रमिक प्रतिनिधि को अपने ऑफिस बुलाकर हमलावर होकर प्रताड़ित करना और वीडियो बनाकर पुलिस में झूठी शिकायत करना, आधी अधुरी विडियो सबको दिखा कर भ्रामक दुष्प्रचार करना, धमकी देना और फिर इसको मांगपत्र के साथ जोड़कर हर वार्ता में उठाना, आदि किसी सोची समझी साजिश का हिस्सा है।
सच्चाई से परे हट कर प्रबंधक के द्वारा मनगढ़ंत कहानी बना कर असलियत को बहुत ही सुन्दर ढंग से छुपाने का प्रयास किया गया है। और पूर्व की भांति 2019 के समझौते को भी दरकिनार करने का प्रयास किया है।
यूनियन ने कहा कि प्रबंधन श्रमिकों द्वारा भूखे रहकर कार्य करने के बाद ओवर टाइम में नहीं रुकने पर अवहेलना बताते हैं। परंतु भुखे रख कर श्रमिकों से जबरन ओवर टाइम करवाना इनको किसी भी श्रेणी में कानून की अवहेलना व दुराचरण नहीं मालूम पड़ता है।
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श्रमिक प्रतिनिधि हमेशा अपने अनुशासन में रहते हुए उद्योग हित एवं श्रमिक हित को ध्यान में रखकर ही कोई भी निर्णय सर्वसम्मति से लेते हैं, जिसका उदाहरण वर्तमान में चल रहे मांगपत्र पर वार्ता के दौरान अपने लचीले रुख से आप सभी को गेट मीटिंग के माध्यम से अवगत कराकर सुझाव लेना है।
यूनियन ने कहा कि श्रमिकों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में किसी भी प्रकार से पैदा होने वाली किसी भी स्थिति के लिए कंपनी प्रबंधक जिम्मेदार होंगे। प्रबंधक वर्ग को चाहिये की श्रमिक उत्पीड़न पर रोक लगाए और सकारात्मक पहल के साथ सर्वसम्मति से मांग पत्र पर समझौता संपन्न करें यूनियन का सकारात्मक सहयोग मिलता रहेगा।
(साभार मेहनतकाश)
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