धनबाद : वेतन वृद्धि व अन्य मांगों को लेकर कोल इंडिया के कर्मचारी कल करेंगे प्रदर्शन
धनबाद (झारखंड)। जेबीसीसीआई वेतन समझौता में बाधा आने के बाद कोल इंडिया के मजदूर संगठनों ने आंदोलन का एलान किया है। मजदूर संगठन 28 प्रतिशत वेतन वृद्धि की माँग कर रहे हैं। चरणबद्ध आंदोलन के लिए मजदूर संगठनों की एकजुटता भी बन रही है। एटक, सीटू, एचएमएस व बीएमएस के अलावा अन्य मजदूर संगठन भी आंदोलन को समर्थन देने के लिये तैयार हैं।
9 दिसम्बर को मजदूर संगठनों का कोलियरियों में प्रदर्शन तय है। जबकि कोल इंडिया प्रबंधन की ओर से भी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। आंदोलन से कोयला उद्योग प्रभावित होगा और उत्पादन पर भी असर पड़ेगा।
ज्ञात हो कि 4 दिसम्बर को एक समाचार एजेंसी को दिए बयान में कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा था कि केंद्र सरकार कोयला क्षेत्र में किसी तरह की अशांति नहीं चाहती। कोल इंडिया प्रबंधन को निर्देश दिया गया है कि मजदूर संगठनों के साथ सभी मुद्दों पर बातचीत के जरिये समाधान निकाले। हालांकि प्रबंधन की ओर से इस दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ाया गया है।
मज़दूर नेताओं का कहना है कि कोयला मंत्री के कहने से सब कुछ हो जाये तो फिर विरोध की जरूरत ही क्यों पड़ेगी। कोल इंडिया के अधिकारियों का कहना है कि उनके साथ कुछ कंडीशन है। उसके आगे नहीं जा सकते। फिर तो विरोध ही एकमात्र रास्ता है।
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मामला क्या है?
कोयला मंत्रालय के निर्देश पर कोल इंडिया ने 10 जून 2021 को 11 वें जेबीसीसीआई का गठन किया था, जिसमें सिर्फ चार संगठनों को ही शामिल किया गया। पहली बैठक 21 जुलाई 2021 को हुई। तब से अब तक सात बैठक हो चुकी है। फिर भी मिनिमम बेनिफिट गारंटी (एमजीबी) पर सहमति नहीं बन सकी है।
मजदूर संगठन पहले 50 प्रतिशत एमजीबी की मांग कर रहे थे। परंतु विगत 30 नवम्बर को कोलकाता बैठक में 30 प्रतिशत एमजीबी पर आ गए। इधर कोल इंडिया प्रबंधन 10.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी से आगे बढ़ने पर तैयार नहीं हुआ। मजदूर संगठनों के प्रतिनिधि भी बैठक का बहिष्कार कर बाहर निकल गए और आंदोलन करने का निर्णय लिया।
आंदोलन के पहले चरण के तहत 9 दिसम्बर को प्रदर्शन तथा दूसरी कड़ी 7 जनवरी 2023 को रांची में कन्वेन्शन होगा। मजदूर संगठनों का कहना है कि दोनों चरण के बाद अगला क़दम उठेगा।
समाधान नहीं तो होगा आंदोलन
एटक के संयुक्त महामंत्री लखन लाल महतो ने बुधवार 7 दिसंबर को बताया कि कोल इंडिया के खिलाफ संघर्ष की हमारी तैयारी जोर शोर से हो रही है। जो कोल इंडिया कह रही है, वह मजदूर हित में नहीं है। इसके बाद 7 जनवरी को रांची में कन्वेंशन मीट है। फिर भी वेतन वृद्धि का समाधान नहीं हुआ तो आगे की रणनीति तैयार करेंगे।
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7 जनवरी को आंदोलन की अगली रूप रेखा होगी तैयार
सीटू के प्रदेश समिति सदस्य शिव बालक पासवान ने बताया कि 9 दिसंबर को विरोध दिवस में सीटू भी शामिल रहेगा। कोल इंडिया के ढुलमुल रवैये के कारण यह स्थिति उत्तपन्न हुई है। विरोध तो होकर रहेगा। पीछे हटने का सवाल ही नहीं है।
इसके बाद भी कोल इंडिया प्रबंधन नही चेता तो आंदोलन भी तय है। 7 जनवरी को आंदोलन की अगली रूप रेखा तैयार की जाएगी। मजदूर हितों के लिये किसी भी हद तक जाने के लिये तैयार हैं।
(मेहनतकश से साभार )
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