DU: छात्राओं ने वार्डन और प्रशासन पर लगाया हॉस्टल आवंटन में भेदभाव और मनमानी करने का आरोप

DU: छात्राओं ने वार्डन और प्रशासन पर लगाया हॉस्टल आवंटन में भेदभाव और मनमानी करने का आरोप

दिल्ली यूनिवर्सिटी  की  दलित छात्राओं ने  आरोप लगाया है कि हॉस्टल आवंटन में वार्डन और हॉस्टल प्रशासन द्वारा भेदभाव और मनमानी किया जा रहा है।

छात्राओं  का  कहना  है कि  मेरिट लिस्ट जारी होने के दो हफ्ते बाद भी आंबेडकर गांगुली हॉस्टल (AGSHW) में उन्हें  रूम  आवंटन नहीं किया गया  है और अतिथि प्रवेश के नाम पर प्रोवोस्ट/वार्डन की  मर्जी  और  पक्षपाती  निर्णय के आधार पर छात्रावास में सभी सीटें भरी जाती हैं।

छात्राओं का कहना है कि हॉस्टल  में  नए दाखिले के लिए कोई सीट नहीं बची जबकि अभी आधिकारिक तौर पर प्रवेश शुरू भी नहीं हुआ है और हॉस्टल प्रबंधन का कहना है कि सभी  सीटें भर गई हैं!

ये भी पढ़ें-

छात्राओं  ने आरोप लगाया है कि AGSHW छात्रावास में काम करने वाले कर्मचारियों  को  इस आधार  पर  महीनों से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है  कि वहां कोई  स्टूडेंट  एडमिशन के लिए  नहीं  आ रही हैं  और  जब  स्टूडेंट वहां एडमिशन के  लिए आ रही हैं, तो उन्हें  कहा जा रहा है कि यहां जगह नहीं है। ऐसे में यह बहुत बेतुकी बात साबित होती है।

छात्राओं द्वारा  जारी  एक  प्रेस  रिलीज़ के अनुसार आंबेडकर गांगुली स्टूडेंट्स हाउस फॉर वूमेन की वार्डन का कहना है कि-

“पहला साल  या दूसरा साल कुछ नहीं होता, हमें बस सीटें भरनी हैं और यह मैं किसी को बताना  ज़रूरी नहीं समझती कि एडमिशन कैसे करुँगी ।”

वॉर्डन के इस बयान से छात्राओं में एडमिशन को लेकर चिंता बढ़ गयी है।

हॉस्टल वॉर्डन श्रुति से जब वर्कर्स यूनिटी ने इस  मामले  में जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने कहा कि वो अभी इस संबंध में बात नहीं कर पाएंगी। उन्होंने इतना कहा कि हॉस्टल में आवंटिन की प्रकिया को शुरू कर दिया गया है। हर छात्रावास के काम करने का एक प्रोसेस होता है।

ये भी पढ़ें-

छात्राओं का कहना है कि कॉलेज में दाखिले को करीब 2 हफ्ते हो चुके हैं, लेकिन अभी तक छात्रावास में सरकारी तौर पर दाखिले शुरू नहीं हुए हैं।

वहीं  छात्राओं ने  हैरानी जताते हुए सवाल किया है कि दलित महिलाओं के लिए बाबा साहेब अम्बेडकर के नाम पर बने एक महिला छात्रावास में  अधिकारी दलित छात्रों को प्रवेश देने से इनकार कर इस हॉस्टल के बनाये  जाने के  उद्देश्य को विफल करते हैं।

वर्कर्स यूनिटी को सपोर्ट करने के लिए सब्स्क्रिप्शन ज़रूर लें- यहां क्लिक करें

(वर्कर्स यूनिटी के फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर सकते हैं। टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें। मोबाइल पर सीधे और आसानी से पढ़ने के लिए ऐप डाउनलोड करें।)

WU Team

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.