देशभर में कर्मचारियों का हल्ला बोल, पुरानी पेंशन बहाली के लिए सड़कों पर उतरा जनसैलाब
NMOPS (नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम) के आह्वान पर देशभर के विभिन्न राज्यों में आक्रोश मार्च निकाला गया।
इस मार्च में रेलवे, डिफेंस, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई, पीडब्ल्यूडी और सफाई कर्मी सहित कई विभागों के कर्मचारियों ने भाग लिया।
जिला मुख्यालयों में उमड़ा जनसैलाब एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) और यूपीएस (यूनिवर्सल पेंशन स्कीम) के प्रति गुस्से का इज़हार था।
शिक्षकों और कर्मचारियों में भारी आक्रोश था कि सरकार उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी लगातार नारेबाजी कर रहे थे: “एनपीएस-यूपीएस वापस करो, पुरानी पेंशन बहाल करो, शिक्षक-कर्मचारी एकता जिंदाबाद, अर्द्धसैनिक बलों की पुरानी पेंशन बहाल की जाए।”
इस आक्रोश मार्च की सबसे बड़ी खासियत थी महिलाओं की भारी उपस्थिति। कई महिलाएं अपने परिवारों के साथ आईं, क्योंकि उनका मानना है कि यह लड़ाई उनके पूरे परिवार की सुरक्षा से जुड़ी है।
विभिन्न राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, उड़ीसा, हरियाणा, झारखंड, छत्तीसगढ़, गुजरात, अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और असम सहित देशभर में आक्रोश मार्च सफल रहा।
उत्तर प्रदेश में अटेवा/NMOPS के बैनर तले विरोध प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश में अटेवा और NMOPS के नेतृत्व में प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर एनपीएस और यूपीएस के विरोध में आक्रोश मार्च निकाला गया।
बड़ी संख्या में शिक्षकों और कर्मचारियों ने इसमें भाग लिया, जिनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर लिखा था: “NPS धोखा है, UPS महाधोखा है, नो NPS, नो UPS, ओनली OPS।” उन्होंने मोदी सरकार से पुरानी पेंशन की बहाली और एनपीएस/यूपीएस को समाप्त करने की मांग की।
NPS/UPS से कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय – विजय कुमार बंधु
लखनऊ में NMOPS के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु के नेतृत्व में आक्रोश मार्च निकाला गया।
उन्होंने शिक्षकों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा, “पुरानी पेंशन ही कर्मचारियों के बुढ़ापे का सहारा है। एनपीएस लाकर तत्कालीन सरकार ने कर्मचारियों को धोखा दिया था, और वर्तमान सरकार ने यूपीएस लाकर इसे और भी बदतर बना दिया है।”
उन्होंने पुरानी पेंशन की बहाली की मांग करते हुए कहा कि यह हमारा संवैधानिक अधिकार है और NMOPS तब तक संघर्ष करेगा जब तक यह अधिकार बहाल नहीं हो जाता।
इस प्रदर्शन में विभिन्न कर्मचारी संगठनों, रेलवे, स्वास्थ्य, सिंचाई, लोक निर्माण विभाग, विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों के पदाधिकारियों ने भाग लिया।
उपस्थित कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आगामी चुनावों में वे इसका असर दिखाएंगे।
आक्रोश मार्च ने यह साबित कर दिया कि देश का कर्मचारी वर्ग पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर एकजुट है और इसके लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
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