जनरल मोटर्स की मज़दूर यूनियन ने कंपनी के सीईओ पर किया मुकदमा
जनरल मोटर्स के तालेगांव प्लांट के कर्मचारी संघ ने कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मैरी बर्रा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष और अध्यक्ष शिल्पन अमीन और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर अदालत की अवमानना का मामला दायर किया है।
दरअसल, 2017 में जनरल मोटर्स ने प्लांट को बंद करते हुए 1,086 कर्मचारियों को काम से निकाल दिया था। जिसके बाद अभी तक किसी भी कर्मचारी को बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया गया है।
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय अदालत ने कंपनी को इन सभी कर्मचारियों को अप्रैल 2022 से वेतन का 50 फीसदी भुगतान करने का आदेश दिया था।
कंपनी पर छंटनी किए गए कर्मचारियों का करीब 25 करोड़ रुपये बकाया है।
फिलहाल, प्लांट को बंद हुए दो साल हो चुके हैं। लेकिन कंपनी फैक्ट्री यूनिट्स को अभी तक बेच नहीं पायी है। कंपनी ने 2021 में चीन की ग्रेट वॉल मोटर्स को बेचने की योजना बनायीं थी, जो विफल रही।
कर्मचारी संघ ने बर्रा और अमीन के साथ, यूनियन ने आसिफ खत्री, वीपी और पूर्णकालिक निदेशक, रितु पांडे चटर्जी, एचआर निदेशक और प्रजोत गाँवकर, एचआर हेड/प्लांट डायरेक्टर, जनरल मोटर्स इंडिया पर भी मुकदमा दायर किया है।
बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद कंपनी ने कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी है। जिसके बाद हाई कोर्ट ने निचली अदालत से जनवरी 2023 तक कानूनी लड़ाई खत्म करने को कहा है।
गौरतलब है कि यूनियन ने 2021 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने याचिका दायर कर प्रबंधन पर आरोप लगाया था कि कंपनी जनवरी 2020 के बाद से वर्करों पर वीआरएस लेने के लिए दबाव डाल रही है।
इसके अलावा याचिका में कहा गया था कि जब कंपनी को बेचा जा चुका है तो वो किस आधार पर क्लोज़र का आवेदन कर रही है?
यूनियन ने अपनी याचिका में कंपनी पर यह भी आरोप था कि कंपनी प्लांट की ज़मीन, प्लांट की मशीनरी जीएमडब्ल्यू को अकूत मुनाफ़े के लिए बेच रही है, जबकि जीएमडब्ल्यू कर्मचारियों की ज़िम्मेदारी नहीं लेना चाहती और इनसे छुटकारा चाहती है।
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