उच्च पेंशन के लिए EPFO ने जारी किया नया सर्कुलर, कई सवालों पर चुप्पी का आरोप!

उच्च पेंशन के लिए EPFO ने जारी किया नया सर्कुलर, कई सवालों पर चुप्पी का आरोप!

ऊंचे पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने नये दिशानिर्देश जारी किया है। ईपीएफओ यह दिशा-निर्देश 29 दिसंबर को जारी किया है।  इसमें उच्च पेंशन पाने के लिए पात्रता शर्तों और ऑनलाइन आवेदन के बारे में बताया गया है।

सर्कुलर के मुताबिक, सिर्फ वे कर्मचारी पात्र हैं, जिन्होंने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना के तहत अनिवार्य रूप से उच्च वेतन में योगदान दिया है और अपनी सेवानिवृत्ति से पहले उच्च पेंशन के लिए अपने विकल्प का प्रयोग किया है, लेकिन उनके अनुरोध को ईपीएफओ ने स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया था।

ये भी पढ़ें-

ज्ञात हो कि, सुप्रीम कोर्ट ने अपने  आदेश में  कहा था कि जो कर्मचारी 1 सितंबर, 2014 को मौजूदा ईपीएस-95 के सदस्य थे, वे वास्तविक वेतन का 8.33% तक योगदान कर सकते हैं। पेंशन योग्य वेतन के 8.33% की सीमा 15,000 रुपये प्रति माह है।

ईपीएफओ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अधिक पेंशन के लिए आवेदन करने के तरीके के बारे में भी स्पष्ट किया है। ईपीएफओ ने कहा कि फंड अथॉरिटी आठ सप्ताह की अवधि के भीतर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करेगी, जो कि 1995 की योजना के पैराग्राफ 11(3) में ईपीएफओ के निर्देशों के अधीन है।

ईपीएफओ के सर्कुलर में कहा गया है कि, 1995 योजना के पैरा 11(3) के तहत विकल्प का प्रयोग करने पर 1 सितंबर 2014 से पहले सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को पेंशन योजना के पैरा 11(3) के प्रावधानों द्वारा कवर किया जाएगा, जैसा कि 2014 के संशोधन से पहले था।

उच्च पेंशन के पात्र कौन हैं?

  • ईपीएस सदस्य जिसने कर्मचारियों के रूप में 5,000 रुपये या 6,500 रुपये की तत्कालीन प्रचलित वेतन सीमा से अधिक वेतन में योगदान दिया था।
  • ईपीएफओ ग्राहक जिन्होंने ईपीएस-95 के सदस्य रहते हुए पूर्व-संशोधन योजना के कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत संयुक्त विकल्प का प्रयोग किया।
  • ईपीएफओ सदस्य जिसका इस तरह के विकल्प का प्रयोग ईपीएफओ द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था।

 

कैसे करें आवेदन?

  • ईपीएफ सदस्यों को संबंधित क्षेत्रीय ईपीएफओ कार्यालय में जाना होगा और उचित दस्तावेजों के साथ आवश्यक आवेदन जमा करना होगा।
  • आवेदन उस रूप और तरीके से किया जाएगा जैसा कि आयुक्त द्वारा निर्दिष्ट किया गया हो।
  • सत्यापन के लिए आवेदन पत्र में पूर्वोक्त सरकारी अधिसूचना में दिए गए आदेश के अनुसार अस्वीकरण शामिल हो।
  • भविष्य निधि से पेंशन निधि में समायोजन की आवश्यकता वाले शेयर के मामले में पेंशनभोगी की एक स्पष्ट सहमति आवेदन पत्र में दी जाएगी।
  • ईपीएफओ के पेंशन फंड में छूट प्राप्त भविष्य निधि ट्रस्ट से धन के हस्तांतरण के लिए, ट्रस्टी का एक उपक्रम प्रस्तुत किया जाए।
  • इस तरह की धनराशि जमा करने की प्रक्रिया बाद के परिपत्रों के माध्यम से अपनाई जाएगी।

सर्कुलर के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के 4 नवंबर, 2022 के आदेश के बाद के कर्मचारी उच्च पेंशन योजना के तहत पात्र नहीं होंगे। वहीं किसी भी विकल्प का प्रयोग किए बिना 1 सितंबर, 2014 से पहले रिटायरमेंट हुए कर्मचारी भी इसकी सदस्यता से बाहर हो चुके हैं।

ये भी पढ़ें-

वहीं, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक,  रिटायरमेंट फंड बॉडी के बोर्ड के सदस्यों और विशेषज्ञों ने कहा कि नवंबर के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उठे कई सवालों पर इस नये सर्कुलर में  कुछ नहीं कहा गया है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के लगभग दो महीने बाद दिशा-निर्देशों के अपने पहले सेट में ईपीएफओ ने गुरुवार को अपने क्षेत्रीय कार्यालयों से उन कर्मचारियों के लिए नियमों के निर्देशों को लागू करने के लिए कहा, जिन्होंने वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन का योगदान दिया था। लेकिन भविष्य निधि कार्यालयों ने उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।

वर्कर्स यूनिटी को सपोर्ट करने के लिए सब्स्क्रिप्शन ज़रूर लें- यहां क्लिक करें

(वर्कर्स यूनिटी के फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर सकते हैं। टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें। मोबाइल पर सीधे और आसानी से पढ़ने के लिए ऐप डाउनलोड करें।)

WU Team

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.