फरीदाबाद: मज़दूर एक्टिविस्ट नरेश चंद को पुलिस ने 6 घंटों तक गैरकानूनी हिरासत में रखा
फरीदाबाद में मज़दूरों के लिए सक्रिय भूमिका निभाने वाले नरेश चंद को 6 फ़रवरी की सुबह हरियाणा पुलिस ने बिना कारण बताए हिरासत में ले लिया था।
दरअसल, क्रांतिकारी मज़दूर मोर्चा के अध्यक्ष नरेश बीते कई दिनों से फरीदाबाद स्थित लखानी फैक्ट्री के मज़दूर की वेतन संबंधी समस्यों को लेकर लगातार प्रदर्शन करते रहे हैं।
नरेश ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि आज सुबह जब वो अपने घर के बाहर बैठे थे तभी पुलिस की गाड़ी आयी। जिसमें से उतरे पुलिसकर्मियों ने उनको गाड़ी में बैठने को कहा। जब नरेश ने पुलिस वालों से हिरासत में लेने का कारण पूछा तो पुलिस वालों ने उनको जबरन गाड़ी में बैठा लिया और थाने ले गए।
उनको सुबह 9 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक हवालात में बंद रखा गया।
नरेश कुमार बीते कुछ महीनों से मज़दूर समाचार नामक एक चैनल चला रहे हैं और एनसीआर, खासकर हरियाणा के औद्योगिक इलाकों में वालंटियर रिपोर्टिंग करते हैं। वर्कर्स यूनिटी के लिए भी वो रिपोर्ट करते रहे हैं।
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परिवारवालों से नहीं करने दी बात
नरेश ने बताया कि इस दौरान पुलिसवालों ने उनका फ़ोन भी छीन लियाऔर उनके बार बार आग्रह करने पर भी परिवारवालों से बात करने की अनुमति नहीं दी।
नरेश की पत्नी ने इस गैरकानूनी हिरासत की जानकारी क्रांतिकारी मज़दूर मोर्चा के महासचिव सतवीर सिंह और मज़दूर मोर्चा पत्रिका के सतीश को दी। दबाव पड़ने पर नरेश को 6 घंटे बाद पुलिसिया हिरासत से रिहा कर दिया गया।
नरेश ने बताया कि वह बीते कई सालों से मज़दूरों और अन्य मज़दूर सम्बन्धी समस्याओं को लेकर धरने प्रदर्शन में जाते रहे हैं। उनका दावा है कि यही वजह है जो पुलिसवालों ने उनको गिरफ्तार किया होगा।
गौरतलब है कि लगभग 1 सप्ताह पहले फरीदाबाद के सरूरपुर इलाके में एक फैक्ट्री मालिक द्वारा दो मजदूरों के लगभग ₹50,000 बकाया न दिए जाने और उनके साथ मारपीट किया था।
क्रांतिकारी मजदूर मोर्चा की अगुवाई में हुए प्रदर्शन के बाद मालिक को मजबूर होना पड़ा था बकाया वापस करने पड़े थे।
ऐसे ही फरीदाबाद के कई मामलों में जिनमें से लखानी फैक्ट्री का मामला, व्हर्लपूल फैक्ट्री का मामला, दो बच्चियों के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में नरेश ने सोशल मीडिया पर रिपोर्ट करते रहे हैं।
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