किसानों पर दमन का दुस्साहस न करे सरकार, किसान नेताओं पर मुकदमे की कड़ी आलोचना

किसानों पर दमन का दुस्साहस न करे सरकार, किसान नेताओं पर मुकदमे की कड़ी आलोचना

मोदी सरकार की पुलिस द्वारा स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेन्द्र यादव, भारतीय किसान यूनियन प्रवक्ता राकेश टिकैत, किसान यूनियन उगराहा के अध्यक्ष जोगिन्दर सिंह उगराहा, संयुक्त किसान मोर्चा के नेता गण दर्शन पाल, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरूनाम सिंह चढूनी, राजेन्द्र सिंह आदि पर मुकदमें कायम करने की आज आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट की राष्ट्रीय कार्यसमिति ने कड़ी आलोचना की है।

आइपीएफ की राष्ट्रीय कार्यसमिति द्वारा लिए प्रस्ताव प्रेस को जारी करते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व आईजी एस. आर. दारापुरी ने बताया कि सरकार को किसान आंदोलन के दमन का दुस्साहस नहीं करना चाहिए।

किसी को भी अब यह भ्रम नहीं होना चाहिए कि किसान आंदोलन हताशा या निराशा में जायेगा। यह किसान आंदोलन जनांदोलन बन गया है और आगे बढ़ने से अब इसे कोई रोक नहीं सकता है।

किसानों का आंदोलन बेहद व्यवस्थित और शांतिपूर्ण रहा है। ये बेमिसाल है कि इसमें इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आने के बावजूद एक चाय वाले का कप तक नहीं टूटा। जहां तक लाल किले पर झंडा फहराने का मामला है उसकी कहानी ही अलग है।

जिस व्यक्ति ने लाल किले पर मुठ्ठीभर लोगों के साथ झंडा फहरवाया वस्तुतः उसका किसान आंदोलन से कभी कोई सम्बंध ही नही रहा है। लाल किले की घटना पर गृह मंत्री अमित शाह को देश को बताना चाहिए कि कैसे मुठ्ठीभर लोग लाल किले में घुस गए और उनकी पुलिस वहां हाथ बांधे खड़ी रही।

क्या यह सब बिना सत्ता के समर्थन के सम्भव था। अब तो यह बात भी पुष्ट हो गई है कि जिसने कल लाल किले पर झंड़ा फहरवाया था उसकी तस्वीरें प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ आयी है।

सरकार को इस वायरल हो रही तस्वीरों पर अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए। प्रस्ताव में आंदोलन में मृत व घायल हुए लोगों के प्रति दुख व्यक्त करते हुए कहा गया कि किसानों की गणतंत्र परेड़ का हरियाणा, पंजाब समेत हर जगह सड़क के दोनों किनारे पर खड़े होकर जनता ने स्वागत किया और महाराष्ट्र समेत पूरे देश में आम लोगों ने किसानों के साथ मिलकर गणतंत्र दिवस मनाया।

किसानों का आंदोलन जनता की भावना के साथ जुड़ा हुआ है इसलिए सरकार को देश की अर्थव्यवस्था और आम नागरिकों के हितों का ख्याल करते हुए तीनों काले कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए और न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून बनाना चाहिए।

 संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर 30 जनवरी गांधी जयंती के अवसर पर ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के कार्यकर्ता उपवास करेंगे।
यह जानकारी प्रेस को ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व आईजी एस. आर. दारापुरी ने दी।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों की हो रही घेराबंदी, किसान आंदोलन के विरुद्ध षड्यंत्र, दुष्प्रचार और दमन के खिलाफ ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के कार्यकर्ता एक दिन का उपवास रखकर अपना प्रतिवाद दर्ज करेंगे।
उन्होंने सरकार से तीनों काले कृषि कानूनों को वापस लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने और किसानों पर जारी दमन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की।

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Workers Unity Team

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