किसान आंदोलन के समर्थन में टिकरी बॉर्डर पर जुटे कलाकार, स्वरा भास्कर ने कहा, मैं किसान नहीं, पर रोटी से मेरा नाता
दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है। शनिवार को टिकरी बॉर्डर पर किसानों का हौसला बढ़ाने के लिए कई कलाकारों ने मिलकर एक कॉन्सर्ट का आयोजन किया।
हरभजन मान, रबि शेरगिल, स्वरा भास्कर, जैजी बैंस, कंवर ग्रेवाल, आर्य बब्बर, हर्फ चीमा, गुरप्रीत सैनी, जस बाजवा, नूर चहल, गुरशबद कुलार और मदारा म्यूजिक जैसे कलाकारों ने किसान आंदोलन को समर्थन दिया।
कॉन्सर्ट की जानकारी स्वरा भास्कर ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए भी दी। लीक से हटकर काम करने वाली और जनहित के मुददों पर बेहिचक अपनी राय रखने वाली अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने कहा, “हालांकि मैं किसान नहीं हूं, खेती-किसानी से मेरा कोई नाता नहीं है लेकिन मेरा रोटी से नाता है और इसलिए मैं इस आंदोलन में आई हूं।”
उन्होंने कहा कि “किसान नहीं होंगे तो कुछ नहीं होगा। जो भी खाना खाता है उसका इस आंदोलन से नाता है। किसानों ने कृषि कानून की बहुत अच्छी व्याख्या की है। सरकार को इनकी बात सुननी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि ऐसा दिन ही नहीं आना चाहिए था कि हमारे नाना, दादा की उम्र के किसान इस तरह सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन को मजबूर हों।
सिंघु बॉर्डर पर खुदकुशी की कोशिश
सिंघु बॉर्डर पर शनिवार को एक किसान ने जहर खा लिया। गंभीर हालत में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी पहचान पंजाब के फतेहगढ़ साहिब के रहने वाले 40 साल के अमरिंदर सिंह के तौर पर हुई है।
किसान आंदोलन के दौरान अबतक 40 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है। कुछ किसानों ने खुदकुशी कर ली तो कुछ की अचानक तबीयत खराब होने से मौत हुई। इससे पहले टिकरी बॉर्डर पर 3 जनवरी को एक 58 साल के किसान की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी।
15 को किसान अधिकार दिवस मनाएगी कांग्रेस
कांग्रेस ने शनिवार को निर्णय किया कि वह तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर बल देने के लिए 15 जनवरी को सभी राज्यों में किसान अधिकार दिवस मनाएगी और उसके नेता एवं कार्यकर्ता राज भवनों तक मार्च करेंगे।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के नेतृत्व में सभी महासचिवों एवं प्रभारियों की बैठक हुई जिसमें यह फैसला किया गया कि पार्टी देश के किसानों के साथ कांग्रेस मजबूती से खड़ी रहेगी।
कांग्रेस राज्य मुख्यालयों पर यह विरोध प्रदर्शन उसी दिन करने जा रही है जिस दिन किसान संगठनों और सरकार के बीच अगले दौरे की बातचीत प्रस्तावित है।
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