किसानों पर हिंसा करने वाले आरएसएस बीजेपी के लोग- किसान मोर्चा
दिल्ली बॉर्डर्स पर बैठे किसानों पर पिछले 36 घंटे में लगातार सुनियोजित हमले के पीछे बीजेपी और आरएसएस को ज़िम्मेदार ठहराया है।
संयुक्त किसान मोर्चे ने शुक्रवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि तीन किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण चल रहे इस आंदोलन को भाजपा सरकार अब “साम्प्रदायिक” रंग दे रही है।
बयान के अनुसार, सरकार द्वारा जिस तरह से पिछले तीन दिनों से गाजीपुर बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर माहौल खराब करने के असफल प्रयास किये गए उससे सिद्ध होता है कि पुलिस और भाजपा-आरएसएस के लोगों द्वारा इस आंदोलन को खत्म करना चाहते हैं।
शुक्रवार को टीकरी धरने पर ऐसे ही असफल प्रयास किये गए।
बयान में कहा गया है कि सयुंक्त किसान मोर्चा गाजीपुर बॉर्डर पहुंच रहे किसानों का प्यार देखकर अभिभूत है। सरकार और कई संगठन ये मान चुके थे कि गाज़ीपुर धरना अब खत्म हो गया है परंतु उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसानों ने यह फिर से सिद्ध कर दिया कि किसानो के हौंसले बुलंद हैं।
सयुंक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि शनिवार को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर प्रस्तावित “सद्भावना दिवस” पर दिल्ली के सभी बॉर्डर्स समेत देशभर के सभी धरना स्थलों पर सुबह 9 बजे से 5 बजे तक अनशन रखा जाएगा।
मोर्चे ने कहा है कि किसानों का आंदोलन शांतिमय था और शांतिमय रहेगा। यह दिन सत्य और अहिँसा के विचारों को प्रसारित करने के लिए मनाया जाएगा।
अब किसान मोर्चा अपनी रणनीति को और पुख़्ता करने के लिए अहिंसा को लड़ाई का प्रमुख हथियार बनाने पर जोर दे रहा है।
बयान में कहा गया है कि सरकार जिस तरह से सुनियोजित झूठ और हिंसा फैला रही है उसकी निंदा और विरोध शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा।
संयुक्त किसान मोर्चे ने कहा है कि ‘हरियाणा में स्थानीय स्तर पर किसान संगठनों और ग्राम पंचायतों में लोगों ने प्रस्ताव पारित कर दिल्ली आने और अन्य सहायता उपलब्ध कराने के कदम की हम प्रशंसा करते हैं।’
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने पुलिस द्वारा लगातार हिंसा की कड़ी निंदा की है।
शुक्रवार को टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर कुछ लोगों को किसानों के विरोध में प्रदर्शन करने और हिंसा फैलाने की कोशिशें हुई थीं, जिस पर मोर्चे का कहना है कि किसान आंदोलन को धरनों के आसपास के निवासियों का पूर्ण सहयोग रहा है।
सरकार के लोग उन लोगों को किसानों के खिलाफ भड़का रहे हैं पर उनकी यह कोशिश असफल है।
आसपास के लोग किसानों के साथ अपना दर्द बांटते हुए लंगर और सफाई में अपना योगदान दे रहे हैं।
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