वे कार्टून जो किसानों की लड़ाई के समर्थन में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे
पंजाब और हरियाणा के किसान दो दिन से दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। हालांकि 27 नवंबर को दिल्ली चलो का आह्वान था लेकिन सरकार की ओर से किसी तरह की सकारात्मक प्रतिक्रिया न देख किसान अपनी मांगों पर अड़ गए हैं।
इस बीच सोशल मीडिया पर लाखों लोग किसानों को अपना समर्थन दे रहे हैं। सोशल मीडिया यूज़र्स ने सरकार के रवैये को निशाना बनाने के लिए कार्टूनों का सहारा लिया है और बड़े पैमाने पर तरह तरह के कार्टून साझा किए जा रहे हैं।
कुछ कार्टून लाखों में साझा किए गए हैं। उन्हीं में से कुछ चुनिंदा कार्टून वर्कर्स यूनिटी के पाठकों के लिए लेकर हम आए हैं। ये साफ़ कर दें कि सभी कार्टून साभार प्रकाशित किए जा रहे हैं।
मशहूर कार्टूनिस्ट सतीश आचार्य का ये कार्टून काफ़ी शेयर किया जा रहा जिसमें दिखाया गया है कि पुलिस किसानों पर डंडे बरसा रही है और किसान उन्हें खाने की पेश कर रहा है। असल में पिछले दिनों दो तस्वीरें सामने आईं जिसमें पुलिस बुज़ुर्ग किसानों पर डंडे बरसा रही है। दूसरी तस्वीर तबकी है जब प्रदर्शन के दौरान पुलिस वालों को ये किसान अपने साथ लाए पानी को पिला रहे हैं।
ये कार्टून हरियाणा सरकार द्वारा हाईवे को बीच से खोदकर गड्ढा बनाए जाने पर तंज है और सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रहा है। इसका आशय ये है कि गड्ढे खोदने वाले खुद गड्ढे में चले गए और किसानों की जनशक्ति के आगे ये बहुत छोटे पड़ गए।
किसानों को दिल्ली न पहुंचने देने के लिए इस ठिठुरती ठंड में भी पुलिस ने जगह जगह पानी की बौछार छोड़ी जिससे किसान पीछे हट जाएं। असल में कार्टून में जो दाढ़ी दिख रही है वो प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आजकल नए शगल, लंबी दाढ़ी, पर भी ये तंज है।
किसान अभी भी दिल्ली के चारो ओर घेरा डाले बैठे हैं। दिल्ली से होकर जाने वाले हाईवेप पूरी तरह ठप पड़ गए हैं और शुक्रवार को किसानों और दिल्ली पुलिस के बीच झड़प के बाद मोदी सरकार ने किसानों को दिल्ली के अंदर प्रवेश की इजाज़त दे दी थी।
लेकिन किसानों ने अपनी रणनीति बदलते हुए बुरारी के निरंगारी मैदान में जाने से इनकार कर दिया और 27 और 28 की रात बॉर्डर पर ही खुले आसमान के नीचे बिताई।
इस बीच चुनावों के अलावा बहुत चुनिंदा मसलों पर बोलने वाले गृहमंत्री अमित शाह ने सामने आकर किसानों से बुरारी के मैदान में आऩे का आग्रह किया और कहा कि अगर किसान चाहते हैं कि तीन दिसम्बर से पहले बातचीत हो तो उन्हें तुरंत मैदान में आ जाना चाहिए, जहां खाने, रहने, दवा और सुरक्षा का इंतज़ाम किया जा रहा है।
जब भी किसानों का मुद्दा उठता है ये कार्टून सोशल मिडिया पर उभर आता है। इस बार चूंकि पंजाब के किसानों का आरोप है कि मोदी ने कृषि क़ानून अपने पूंजीपति मित्रों अडानी अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए बनाए हैं, इसलिए ये कार्टून इस बार भी बड़ी संख्या में सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है।
किसान सैकड़ों किलोमीटर दूर दिल्ली पहुंचे हैं। वे पिछले पचास दिन से पंजाब में रेलवे ट्रैकों पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे थे। यह चित्र अब उनके गुस्से को दिखाता है।
और अंत में ये पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें लिखा है कि आप एक तथ्य से 40 विद्वानों की बोलती बंद कर सकते हैं लेकिन आप 40 तथ्य लाकर भी एक मूर्ख को चुप नहीं करा सकते। असल में सोशल मीडिया पर कुछ नासमझ लोग किसानों को देशद्रोही क़रार कह रहे हैं और किसानों का विरोध कर रहे हैं। ये पोस्टर उन्हीं के जवाब के लिए बनाया गया है।
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