जब राकेश टिकैत ने अंजना से पूछा- क्या पार्लियामेंट पर कंपनियों का कब्जा हो गया है?

जब राकेश टिकैत ने अंजना से पूछा- क्या पार्लियामेंट पर कंपनियों का कब्जा हो गया है?

By आशुतोष कुमार पांडे

बातचीत के 12वें मिनट में आजतक की कुख्यात एंकर अंजना ओम कश्यप ने राकेश टिकैट से कहा कि अब जाट मुद्दों पर बात करेंगे और जानेंगे कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी को कितना प्रभावित कर पायेंगे? भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैट इस सवाल के महत्व को समझते हुए पलटवार करते हुए कहा कि हम तो किसान मुद्दों की बात करेंगे। हम आपका एजेंडा सेट नहीं होने देंगे। आप किसान पर बात करो।

फिर ठहरकर छोटा पॉज लेते हुए राकेश टिकैट ने अनजना ओम कश्यप से राकेश टिकैट ने पूछा कि योगी जी यहां पर थे उनसे जाति पर बात की आपने ? एंकर ने कहा कि हां मैंने बात की? अंजना इस पलटवार के लिए तैयार नहीं थी। वे थम गयी। राकेश टिकैत ने पूछा कि कौन सी जाति के है? एंकर ने जवाब दिया- ठाकुर। तो राकेश टिकैत ने कहा कि आप ठाकुर मामलों की सवाल उनसे की है? अंजना अब टॉपिक चेंज करते हुए बोली कि हां हम उनसे सभी मामलों पर सवाल करते हैं। हमनें ब्राह्मणों पर भी बात की। मगर आपके शक का इलाज मेरे पास नहीं है।

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इस पूरे बातचीत के आरंभ में अंजना ओम कश्यप को राकेश टिकैट ने कहा कि आप बीजेपी की प्रिंसिपल बनती है। और बातचीत के क्रम में कई बार कहा कि आप बीजेपी की तरफ से चीटिंग करती है। अंत तक अनजना ओम कश्यप जिस मंसूबे के साथ राकेश टिकैट को मंच पर लायी थी वह पूरा नहीं कर पा रही थी। बार बार अनजना को राकेश टिकैट के मुद्दे पर आना पड़ता था। अंजना आज काफी तकलीफ में थी। राकेश टिकैट ने इसी बीच एक और महत्वपूर्ण बात कही कि NGT ने दस साल पुरानी ट्रैक्टर को दिल्ली में प्रतिबंधित किया है। इस कानून को भी खत्म करना होगा ताकि किसानों के ट्रैक्टर दिल्ली की चमचमाती सड़कों पर दौड़ सके।

राकेश टिकैट ने कहा कि दिल्ली के कोठियों में एसी लगाकर रहने वाले नहीं चाहते कि किसान अच्छे कपड़े पहने और गाड़ी से चले तथा एसी में रहे। यह लोग बस यह चाहते है कि किसान गरीब रहे, बैल से खेत जोते, फटे-पुराने कपड़े पहने और लोगों के सामने घोघियाते रहे। इसी दौरान राकेश टिकैट ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जोरदार हमला किया और कहा कि जयपुर में कोर्ट परिषर में RSS का झंडा लगाने वाले किसानों को कटघरे में खड़ा करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन के दिन दिल्ली पुलिस के ड्रेस पहनाकर RSS के लोगों को दिल्ली की सड़कों पर खड़ा कर दिया गया था ताकि किसानों और दिल्ली पुलिस को बदनाम किया जाए। जब अनजना ओम कश्यप ने पूछा कि 15 अगस्त को आप क्या करेंगे? राकेश ने कहा कि हम दिल्ली के अंदर बाल्मीकि समाज के मंदिर में तिरंगा फहराएंगे। अंजना चुप हो गयीं।

अंजना ओम कश्यप ने जैसे ही कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर पंचायत करके लोगों को बता रहे है कि कानून में क्या कमियां है… इस अधूरे सवाल में आये “पश्चिमी उत्तर प्रदेश” के मतलब को समझते हुए राकेश टिकैट बीच में बोलते हुए कहा- ना, हम सिर्फ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पंचायत नहीं कर रहे, हम पूरे देश में पंचायत की है. 16 राज्यों में पंचायत की है. आपके पास गलत डेटा है। इस सवाल के अंदर छिपे चीटिंग को राकेश के भाँप लेने से अंजना अपने मंसूबे पर पानी फिरते देख बोली कि नहीं हम गलत नहीं बोलते, हम फैक्ट पर बात करते हैं। अंजना ने अब अपने सवाल का गेयर चेंज करते हुए पूछा कि बीजेपी आपसे खौफ नहीं खा रही आप उसे कैसे हरा दीजिये? राकेश टिकैट ने भी अपने एजेंडे पर आते हुए कहा कि हम तो किसान आंदोलन और काले कानून की बात कर रहे है साहब।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अंजना ओम कश्यप से कहा कि यह सरकार बीजेपी की होती तो बात करती। मगर यह सरकार मोदी की है। मोदी को बडी कंपनियां चला रही है। कंपनियों ने मंत्रियों को कोई पावर नहीं दिया है। सभी मंत्रियों के पावर दिल्ली में कैद है। 12 बार किसानों से बात करने आये मंत्री बीच बैठक से उठकर फोन पर अलग किसी से बात करने चले जाते हैं। इसका मतलब है कि उनके पास कोई पावर नहीं है। वे दूसरे से पूछने चले जाते हैं। राकेश टिकैत ने आगे कहा कि या तो उनका किसानों से बात करने का मन नहीं होता या उन्हें बिना किसी पावर के झोला में एक पर्चा थमाकर भेज दिया जाता है।

राकेश टिकैट द्वारा मोदी सरकार को कंपनी सरकार कहने से नाराज अंजना ओम कश्यप ने भद्दे अन्दाज़ में एक सवाल पूछा कि कौन सी ऐसी पार्टी है जो इन कंपनियों से चंदा नहीं लेती है? राकेश ने पलटकर पूछा कि इस देश में कंपनी बड़ी है या पार्लियामेंट ? अब जवाब देने की बारी अंजना को ही थी। बड़े ठंडे अन्दाज़ में विवशतापूर्ण तरीके से उसने कहा कि पर पार्लियामेंट। तब राकेश ने कहा कि तो इन कंपनियों ने कानून पास होने से पहले बड़े बड़े गोदाम कैसे बनवा लिए थे, उसके बाद कानून बना जमाखोरी अब अपराध नहीं रहेगा।

राकेश ने मज़े लेते हुए पूछा कि आपको भी लगता है कि पार्लियामेंट पर कंपनियों का कब्जा हो गया ? इस पर अंजना को कुछ सूझ नहीं रहा था। वे अब सवाल बदल रही थी। इसी बीच किसान नेता ने हाल ही सम्पन्न उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव और उसमें सत्ता के मद में चूर भारतीय जनता पार्टी की बेईमानी पर सवाल खड़ा कर दिया।

30 मिनट की बातचीत में राकेश टिकैत ने इंडिया टुडे गिरोह समेत तमाम गोदी मीडिया पर लगातार हमले किये और कहा कि जो चैनल किसान मुद्दों को दिखाते हैं उन्हें धन्यवाद। जो चीटिंग करते हैं वे अपना इलाज कराएं।

ज्ञात रहे आसन्न उत्तर प्रदेश चुनाव के मद्देनज़र इंडिया टुडे की हिंदी दुकान ‘आजतक’ लखनऊ में कारोबार करने पहुँची है।

(आशुतोष कुमार पांडे के फेसबुक पोस्ट से साभार।)

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